यूपी के अयोध्या में रहने वाले मोहम्मद शरीफ अब तक 25 हजार से ज्यादा लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार कर चुके हैं। उन्हें लावारिस लाशों के मसीहा के नाम से भी जाना जाता है। उन्हें पद्मश्री के लिए नामित भी किया गया था। इन दिनों चाचा शरीफ बीमार है। पिछले कई दिनों से उनका स्वास्थ्य काफी खराब है। दो कमरे वाले किराए के घर में रहने वाले चाचा शरीफ बेड पर हैं। उनके पास अस्पताल जाने के भी पैसे नहीं है। चाचा शरीफ बिस्तर पर जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं।
हैरानी वाली बात यह है कि उन्हें जो पद्म अवॉर्ड दिया जाना था वह आज तक उन्हें नहीं मिला। 85 साल के पद्मश्री चाचा शरीफ पिछले करीब 30 सालों से लावारिस लाशों के अंतिम संस्कार का काम कर रहे हैं। चाचा शरीफ ने 28 साल पहले अपने बेटे मोहम्मद रईस की हादसे में मौत के बाद से ये काम शुरू किया। उनके बड़े बेटे की मौत के बाद पुलिस ने शव को लावारिस समझ कर अंतिम संस्कार कर दिया। तभी से चाचा शरीफ ये काम कर रहे हैं।
बता दें कि गणतंत्र दिवस पर पद्म पुरस्कार से सम्मानित किए जाने के एक साल बाद भी उन्हें पदक नहीं मिला है। इस खबर के बारे में और अधिक जानने के लिए देखिए ये Video…