Code of Conduct: देश में चुनाव आयोग की तरफ से लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया गया है। इस बार के लोकसभा चुनावों को भी 7 चरणों में करवाने का फैसला लिया गया है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की तरफ से की गई घोषणा के अनुसार पहले चरण में 102 सीटों पर 19 अप्रैल को, दूसरे चरण में 89 सीटों पर 26 अप्रैल को, तीसरे चरण में 94 सीटों पर 7 मई को, चौथे चरण में 96 सीटों पर 13 मई को, पांचवें चरण में 49 सीटों पर 20 मई को, छठे चरण में 57 सीटों पर 25 मई को और सबसे आखिर में सातवें चरण में 57 सीटों पर 1 जून को वोट डाले जाएंगे। इसके बाद 4 जून को चुनावों के नतीजे भी घोषित कर दिए जाएंगे।
चुनाव आयोग की तरफ की गई चुनावी तारीखों के एलान के साथ ही देशभर में आचार संहिता भी लागू हो गई है। आचार संहिता के बारे में सुना तो हर किसी ने होता है लेकिन हर किसी को इसके बारे ज्यादा जानकारी नहीं होती। तो चलिए विस्तार से जानते हैं कि आचार संहिता क्या होती है? इसे लागू कब किया जाता है और इसके लागू होने के बाद क्या-क्या नियम बदल जाते हैं और चुनावों पर इसका क्या असर पड़ता है।
देशभर में चुनाव को सही तरीके से करवाने की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की होती है। इसके लिए चुनाव आयोग की तरफ से स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करवाने के लिए कुछ नियम बनाए हैं और इन्हीं नियमों को आचार संहिता कहा जाता है। चुनावों के दौरान सभी राजनीतिक दलों और नेताओं को इन सभी नियमों का पालन करना होता है। नियमों का उल्लंघन करने पर चुनाव आयोग उनके खिलाफ कार्यवाई कर सकता है।
देश में चुनाव आयोग जिस समय चुनावों की तारीख की घोषणा करता है उसी समय से आचार संहिता लागू हो जाती है। लोकसभा चुनाव पूरे देशभर में होते हैं तो उस समय देशभर में आचार संहिता लाग जाती है। विधानसभा चुनाव राज्य स्तर पर होते हैं तो आचार संहिता केवल राज्य स्तर पर ही लागू होती है। चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो जाने तक आचार संहिता लागू रहती है और जिस दिन ये प्रक्रिया समाप्त होती है आचार संहिता भी हट जाती है।
आचार संहिता के नियम सुनिश्चित करते हैं कि राजनितिक दल, सत्ताधारी दल और चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को इस पूरी चुनावी प्रक्रिया के दौरान कैसा व्यवहार करना है। इसके साथ साथ बैठकें आयोजित करने, शोभायात्राओं, मतदान दिवस गतिविधियों तथा सत्ताधारी दल के कामकाज इत्यादि के दौरान उनका सामान्य आचरण कैसा होगा ये भी आचार संहिता के नियम ही तय करते हैं।