Bihar: लोक जनशक्ति पार्टी में बड़ी फूट पड़ गई है। पार्टी के पाचों बागी सांसदों ने मिलकर चिराग पासवान को संसदीय दल के नेता के पद से हट दिया है। इसके साथ ही उनके चाचा पशुपति पारस पासवान को नया नेता चुना गया है। वहीं बागी विधायकों ने चिराग को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष मानने से भी साफ इंकार कर दिया है। वहीं बागी विधायकों के JDU होने की अटकले भी लगाई जा रही है।
लोक जनशक्ति पार्टी नेता पशुपति कुमार पारस ने कहा कि उन्होंने पार्टी को तोड़ नहीं है, बल्कि बचाया है। उन्होंने कहा कि, “मैंने पार्टी को तोड़ा नहीं हूं बल्कि बचाया है। चिराग पासवान से कोई शिकायत और कोई आपत्ति नहीं है, वे पार्टी में रहें।” इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, “मैं अकेला महसूस कर रहा हूं। पार्टी की बागडोर जिनके हांथ में गई। पार्टी के 99 फीसदी कार्यकर्ता, सांसद, विधायक और समर्थक सभी की इच्छा थी कि हम 2014 में एनडीए गठबंधन का हिस्सा बनें और इस बार के विधानसभा चुनाव में भी हिस्सा बने रहें, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।”
जानकारी के अनुसार, हाजीपुर से सांसद पशुपति पारस के नेतृत्व में एलजेपी के 4 और सांसद पार्टी से अलग होने वाले हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि वो जेडीयू के संपर्क में हैं। पशुपति पारस के हमेशा से ही नीतीश कुमार के साथ अच्छे संबंध रहे हैं। ऐसे में अब उनके जेडीयू में शामिल होने की बात हो रही है। वैसे ये कोई पहली बार नहीं जब पशुपति पारस के ऐसे बगावती तेवर अख्तियार करने की बात आई है।
पशुपति कुमार पारस, एलजेपी के संस्थापक और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष दिवंगत रामविलास पासवान के भाई हैं। वो पार्टी के मौजूदा अध्यक्ष चिराग पासवान के रिश्ते में चाचा लगते हैं। वह अलौली से 5 बार विधायक रह चुके हैं। उन्होंने साल 1977 में अपना पहला विधानसभा चुनाव जीता था। तभी से ही विभिन्न पार्टियों के बाद एलजेपी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ते आ रहे हैं। उन्होंने बिहार सरकार में मंत्री की जिम्मेदारी भी अच्छे से संभाल ली है। उन्होंने हाजीपुर से 2019 का संसदीय चुनाव जीता था और लोकसभा पहुंचे।इस खबर के बारे में और अधिक जानने के लिए देखिए ये Video…