Char Dham Yatra: चार धाम यात्रा का बहुत महत्व होता है। कहते हैं जीवन में एक बार चार धाम यात्रा करनी चाहिए। गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ के दर्शन करना बहुत शुभ माना जाता है। चार धाम यात्रा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं चारों धामों के बारे में खास बातें।
गंगोत्री चार धाम तीर्थस्थलों में से एक है। यह उत्तराखंड में स्थित है। गोमुख गंगा नदी का उद्गम और माता गंगा का पूजन स्थल है। यहां पर माता गंगा की पूजा की जाती है। गंगोत्री के आसपास कई और भी धार्मिक और महत्पूर्ण पूजा स्थल मौजूद हैं। इनमें महत्वपूर्ण है भैरों घाटी, मुखबा गांव, हर्षिल, नंदनवन तपोवन, गंगोत्री चिरबासा और केदारताल आदि। गंगोत्री में प्राचीन गंगा मंदिर भी स्थित है।
यमुनोत्री चार धाम यात्रा में दूसरा मुख्य स्थल है। यह स्थल पश्चिमीतम मंदिर है जो बंदर पूंछ पर्वत की एक झुंड के ऊपर स्थित है। यमुना नदी का स्त्रोत यमुनोत्री है। यहां पर सबसे महत्पूर्ण स्थल भूगर्भ से उत्पन्न 90 डिग्री तक गर्म पानी के जल का कुंड सूर्य-कुंड और पास ही ठन्डे पानी का कुंड गौरी कुंड है। यमनोत्री में देवी यमुना को समर्पित मंदिर है।
बद्रीनाथ धाम भगवान विष्णु को समर्पित है। यहां पर भगवान विष्णु की पूजा होती है। बद्रीनाथ धाम को विष्णु धाम और विशालपुरी नाम से भी जाना जाता है साथ ही इस स्थल को नर और नारायण का संगम भी कहा जाता है। यहां भगवान पद्मासन की मुद्रा में विराजमान है। चार धामों में से बद्रीनाथ भी बहुत महत्पूर्ण धाम है। यहां पर चार भुजाओं वाली काली पत्थर की छोटी मूर्तियां स्थित है।
केदारनाथ धाम चार धामों और 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह भगवान शिव को समर्पित है। केदारनाथ मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित है। मान्यता है कि यहां दर्शन करने के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। केदारनाथ धाम को मोक्ष द्वार भी कहा जाता है। यहां पर गांधी सरोवर, सोनप्रयाग, गौरीकुंड मंदिर, वासुकी ताल भी प्रमुख दर्शनीय स्थान हैं। केदारनाथ धाम को केदार खंड के नाम से भी जाना जाता है।