Chief Justice BR Gavai: भारत के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बी. आर. गवई मुंबई पहुंचे जहां उन्हें रिसीव करने के लिए कोई अधिकारी नहीं आया। इसके बाद उन्होंने महाराष्ट्र-गोवा बार काउंसिल के एक कार्यक्रम में नफराजगी भी जाहिर की। कार्यक्रम के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘‘लोकतंत्र के तीन स्तंभ न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका समान हैं। प्रत्येक संवैधानिक संस्था को अन्य संस्थाओं के प्रति सम्मान दिखाना चाहिए। जब महाराष्ट्र का कोई व्यक्ति भारत का मुख्य न्यायाधीश बनता है और पहली बार महाराष्ट्र का दौरा करता है तो अगर महाराष्ट्र के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक या मुंबई पुलिस आयुक्त को उपस्थित होना उचित नहीं लगता है तो उन्हें इस पर विचार करने की जरूरत है। प्रोटोकॉल कोई नई चीज नहीं है, यह एक संवैधानिक संस्था द्वारा दूसरे को दिए जाने वाले सम्मान का सवाल है।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘जब किसी संवैधानिक संस्था का प्रमुख पहली बार राज्य का दौरा करता है तो उसके साथ जिस तरह का व्यवहार किया जाता है, उस पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए। अगर हम में से कोई होता तो अनुच्छेद 142 के बारे में चर्चा होती। ये छोटी-छोटी बातें लग सकती हैं, लेकिन जनता को इनके बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।’’
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