Coronavirus India Update: देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सुप्रीम कोर्ट ने ऑक्सिजन संकट पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा कि वह ऐसी स्थिती में मूक दर्शक बना नहीं रह सकता है। कोर्ट ने इस बात को भी साफ किया कि कोरोना प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय नीति तैयार करने पर उसकी स्वत: संज्ञान सुनाई का मतलब हाई कोर्ट के मुकदमों को दबाना नही है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने ऑक्सिजन संकट और कोरोना प्रबंधन को लेकर केंद्र सरकार से जवाब मांग था। जिसकों लेकर केंद्र सरकार ने अपना जवाब सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया है।
इस मसले पर जस्टिस डीवाय चंद्रचूड़, जस्टिस एल. नागेश्वर राव और जस्टिस एस. रविंद्र भट्ट की बेंच सुनवाई कर रही है। सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, “इन सुनवाइयों का उद्देश्य हाईकोर्ट का दमन करना या उनके काम में दखलंदाजी करना नहीं है। उनकी क्षेत्रीय सीमाओं के भीतर क्या हो रहा है, वह इस बारे में बेहतर समझ रखते हैं।” सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अलग-अलग हाईकोर्ट की सुनवाई पहले की तरह जारी रहेगी।
जस्टिस रवींद्र भट नेवैक्सीन की कीमत पर सवाल करते हुए पूछा, “विभिन्न निर्माता अलग-अलग कीमतों के साथ आ रहे हैं। केंद्र सरकार इसके बारे में क्या कर रही है।पेटेंट अधिनियम की धारा 6 के तहत ड्रग्स कंट्रोलर एक्ट के पास शक्तियां हैं। यह महामारी और राष्ट्रीय संकट है। क्या यह ऐसी शक्तियों को इस्तेमाल में लाने का समय नहीं है? यह समय कब आएगा?”