Delhi Assembly Election History : देश की राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव का ऐलान हो चुका है। इसी के साथ सभी पार्टियों ने अपनी-अपनी तैयारियां तेज कर दी है। 70 सीट वाली इस विधानसभा को हर पार्टी जीतना चाहती हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि इस बार राजधानी में बीजेपी, कांग्रेस और आप के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है। लेकिन क्या आपको पता है कि यह दिल्ली का 8वां विधानसभा चुनाव हैं। देश को आजाद हुए 75 साल हो गए हैं मगर दिल्ली में 8वीं बार विधानसभा चुनाव हो रहा है। आप भी सोच रहे होंगे कि पिछले साल जब देश में 18वां लोकसभा चुनाव हुआ था, लेकिन फिर दिल्ली में 8वां विधानसभा चुनाव क्यों हो रहा है? आपके इस सवाल का जवाब और दिल्ली विधानसभा चुनाव का पूरा इतिहास आपको इस आर्टिकल में मिल जाएगा।
जैसा कि हम जानते ही हैं कि दिल्ली 1911 से ही देश की राजधानी है। आजादी के बाद भी दिल्ली में विधानसभा थी। लेकिन साल 1956 में राज्य पुनर्गठन आयोग की सिफारिशों पर दिल्ली विधानसभा भंग कर दी गई थी। इसके बाद राजधानी में केंद्र सरकार का सीधा शासन लागू कर दिया गया था। दिल्ली हमेशा से केंद्र और राज्य सरकार के बीच सत्ता संघर्ष का केंद्र रही है। राष्ट्रीय राजधानी होने के नाते, केंद्र सरकार के अधिकांश महत्वपूर्ण कार्यालय यहीं स्थित हैं। इसी कारण, राज्य पुनर्गठन आयोग ने सुझाव दिया था कि दिल्ली पर सीधे केंद्र सरकार का शासन होना चाहिए। इसी सिफारिश के चलते, 37 साल तक दिल्ली में विधानसभा चुनाव नहीं कराए गए थे। यही कारण है कि दिल्ली में 8वां विधानसभा चुनाव हो रहा है।
इन 37 सालों में कई बार दिल्ली में विधानसभा बनाने की मांग उठती रही। लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ। हर बार बस एक ही बात कही जाती कि अगर दिल्ली में विधानसभा बनी तो क्या केंद्र सरकार का दिल्ली पर कोई अधिकार नहीं रहेगा। साल 1987 में सककारिया कमिशन की सिफारिश पर दिल्ली में विधानसभा बनाने पर सहमति बनी। 1993 में पहली बार दिल्ली में विधानसभा चुनाव हुए और तब से अब तक दिल्ली में लगातार विधानसभा चुनाव हो रहे हैं।
37 साल बाद 1993 में दिल्ली विधानसभा चुनाव का आगाज हुआ, जिसमें बीजेपी ने 70 में से 49 सीटें जीतीं। दिल्ली विधानसभा चुनाव के पहले चुनाव बीजेपी ने बाजी मारी। इसके बाद 1998 में दूसरा विधानसभा चुनाव हुआ, जिसमें कांग्रेस ने जीत हासिल की और शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं। शीला दीक्षित ने लगातार तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। 2015 में आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बने और 2020 में वे फिर से इस पद पर आसीन हुए।