First Mangala Gauri Vrat 2025 : सावन मास में कई बड़े त्योहार और व्रत रखे जाते हैं। सावन के मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखा जाता है। इस दिन मां गौरी की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस व्रत को सुहागिन महिलाएं करती है। महिलाएं अपनी पति की लंबी आयु के लिए और वैवाहिक जीवन की सुख शांति के लिए पूजा करती हैं। वहीं कुंवारी लड़कियां भी अपने मनचाहे वर के लिए यह व्रत रखती हैं। इस व्रत को रखने और विधिपूर्वक पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और मां गौरी का अशीर्वाद हमेशा बना रहता है। आइए जानते हैं इस व्रत की तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व।
मंगला गौरी व्रत की तिथि
- मंगला गौरी व्रत के दिन श्रावण कृष्ण पंचमी तिथि है।
- पंचमी तिथि की शुरुआत- 14 जुलाई रात 11 बजकर 59 मिनट पर होगी।
- पंचमी तिथि का समापन- 15 जुलाई रात 10 बजकर 38 मिनट पर होगा।
- मंगला गौरी व्रत 15 जुलाई को रखा जाएगा।
मंगला गौरी व्रत का शुभ मुहूर्त
- ब्रह्म मुहूर्त- 04 बजकर 12 मिनट से 04 बजकर 52 मिनट तक होगा।
- अभिजीत मुहूर्त- 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तक होगा।
- निशिता मुहूर्त- 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक होगा।
मंगला गौरी व्रत पूजा विधि
- मंगला गौरी व्रत के ब्रह्म मुहूत में उठें।
- स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- व्रत का संकल्प लें।
- घर और मंदिर की अच्छी तरह से साफ-सफाई करें।
- मां गौरी के प्रतिमा को स्थापित करें।
- मां को स्नान कराएं।
- इसके बाद सोलह श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें।
- मां को 16 प्रकार के फल, फूल, पत्ते और मिठाई अर्पित करें।
- देसी घी का दीपक जलाएं।
- मंगला गौरी व्रत की कथा सुनें।
- अंत में आरती करें।
डिस्क्लेमर- इस लेख में दी गई जानकारी इंटरनेट, लोक मान्यताओं और अन्य माध्यमों से ली गई है। जागरण टीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है।