How to become an Ayurvedic Doctor: Ayurvedic Doctor के बारे में हम बहुत कम जानते हैं लेकिन प्राचीन काल में Ayurvedic Doctor का काफी महत्व था। पहले के जमाने में Ayurvedic Doctor पेड़-पौधों की जड़ी - बूटियों से बनी दवाओं का प्रयोग करके लोगों का इलाज करते थे। अब जमाना बदल गया है। अब बहुत कम ही लोग Ayurvedic Doctor बनते हैं। आज भी कई लोग एलोपैथिक दवाओं के बढ़ते दुष्प्रभाव से बचने के लिए Ayurvedic Doctor से इलाज कराते हैं। इस Video में हम आपको ऐसे ही एक Ayurvedic Doctor मिलाने जा रहे हैं। Dr. Bhavika Dhingr पेशे से Ayurvedic Doctor हैं। ch. Brahm prakash ayurved charak sansthan, khera dabar, Najafgarh से Dr. Bhavika Dhingr ने BAMS की पढ़ाई पूरी की है। अगर आप भी Ayurvedic Doctor बनना चाहते हैं तो Dr. Bhavika Dhingr की सलाह आपके काम आ सकती है।
Dr. Bhavika Dhingr बताती हैं कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वो Ayurvedic Doctor बनेगी। लेकिन वो बचपन से ही Doctor बनाना चाहती थी। Bhavika के पिता भी Doctor हैं। उन्हें अपने पिता से ही Doctor बनने की प्रेरणा मिली। लेकिन घरवालों को नहीं लगाता था कि वो Doctor बन सकती हैं। घरवाले ये Doctor बनने की बात पर हंसते थे। Bhavika बताती हैं कि 10वीं में उनके अच्छे नंबर आए। तब उनके घरवालों को थोड़ी उम्मीद हुई की ये कुछ कर सकती है। फिर मैने Neet की तैयारी की लेकिन मुझे MBBs में Seat नहीं मिल पाई। जिसके बाद मैंने Ayurved में Admission लिया। Admission लेने के बाद दिन-रात मेहनत की और आज मैं एक Ayurvedic Doctor बन पाई हूं। चलिए अब हम Ayurved से जुड़ी कुछ आवश्यक बातों के बारे में जानते हैं।
आयुर्वेदिक डॉक्टर पेड़ - पौधों द्वारा बनी जड़ी - बूटियों की दवाओं का प्रयोग करके रोगी का इलाज करते हैं। इन दवाइयों का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। इससे लोगों के शरीर पर कोई भी दुष्प्रभाव नही पड़ता है। आयुर्वेदिक डॉक्टर बनने के लिए आपको बीएएमएस की डिग्री प्राप्त करनी होगी। तब जाकर आपको इसकी उपाधि मिलेगी। BAMS full form होता है Bachelor Of Ayurvedic Medicine & Surgery। यह कोर्स कुल 5 साल 6 महीने का होता है।
बीएएमएस की कुल अवधि 1 साल की इंटर्नशिप के साथ-साथ साढ़े 5 साल की होती है। जो छात्र इस कोर्स में admission लेना चाहते हैं, उनके लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता Physics, Chemistry and Biology के साथ 12वीं पास होना चाहिए। कई प्रवेश परीक्षाओं के माध्यम से इस कोर्स में दाखिले की योग्यता बनती है। एमबीबीएस कर चुके छात्र भी आयुर्वेद में Postgraduate course में नामांकन करा सकते हैं। जिन छात्रों की रुचि शोधकार्यों में है, उन्हें Central Council for Research in Ayurveda and Siddha (CCRAS) के माध्यम से मौके मिल सकते हैं।
बीएएमएस में प्रवेश के लिए आप इंडिया लेवल का NEET परीक्षा दे सकते हैं। इसके अलावा आप state level की CGET, IPU, OJEE, CET, KEAM जैसी अन्य परीक्षाएं भी दे सकते हैं। इसमें पास होने से मेरिट के आधार पर बीएएमएस कोर्स में आपको दाखिला मिल सकता है।
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