History of the Telescope: दूरबीन का अविष्कार 17 वीं सदी की शुरुआत में हॉलैंड के मिडिलबर्ग शहर में रहने वाले एक चश्मा व्यापारी के बेटे द्वारा खेल-खेल में किया गया था. इस व्यापारी का नाम हेंस लिपरशी (Hans Lippershey) था. टेलीस्कोप या दूरबीन एक ऐसा यंत्र जो दूर की चीजों को पास दिखाता है. दरअसल दूरबीन का अविष्कार संयोगवश हुआ था. इसके लिए हेंस लिपरशी ने कोई विशेष कोशिश या प्रयोगशाला नही बनायीं थी और ना ही हेंस लिपरशी कोई बहुत पढ़ा लिखा वैज्ञानिक था. आइये अब जानते हैं कि दूरबीन का अविष्कार कैसे हुआ था.
दूरबीन का अविष्कार सही मायने में हेंस लिपरशी ने नही बल्कि उनके एक छोटे से शैतान बेटे ने खेल खेल में किया था. उसका बेटा रंग बिरंगे कांचों से दिन भर खेलता और उन पर सूरज की रोशनी डालकर सबको परेशान किया करता था. स्कूल की छुट्टी वाले दिन उसका पापा उसे दुकान पर अपने काम में हाथ बंटाने के लिए लाया और उसे कांच की एक टोकरी में से एक जैसे रंगों वाले कांचों को छांटने के लिए बोला. बेटे ने वैसा ही करना शुरू कर दिया लेकिन वह हर रंगीन कांच को अपनी आँखों में लगाकर दरवाजे के बाहर देख रहा था. कभी लाल कभी पीला और कभी सबको एक साथ मिला के देखना शुरू किया; तभी वो डर गया उसने देखा की सामने जो गिरजाघर की मीनार है वो एक दम से पास आ गयी है. उसको लगा कोई भ्रम है ...फिर से देखा ..तो फिर से वैसा ही दृश्य दिखा ..अब उसने सोचा कि अपने पिता को यह बात बताये या नही कही वो ग़ुस्सा ना हो कही यह कोई जादू वाला काँच तो नही है ?
इस तरह एक शरारती लड़के ने खेलते हुए दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण अविष्कार अर्थात दूरबीन को बनाया था. इस कहानी से सबक लेते हुए यह कहा जा सकता है कि कभी भी किसी बच्चे के जिज्ञाशु या अटपटे प्रश्नों को टालना नही चाहिए.
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