IAS Toppers Success Story: मध्य प्रदेश के एक छोटे से कस्बे कैलारस की रहने वाली निधि बंसल एक साधारण परिवार से आती हैं। NIT त्रिची से कंप्यूटर साइंस में ग्रेजुएट निधि एक मल्टी नेशनल कंपनी में जॉब करती थीं परन्तु अपनी नौकरी से संतुष्ट नहीं थी। इसलिए उन्होंने UPSC की तैयारी करने का फैसला किया। निधि ने 2014 में अपना पहला प्रयास दिया था परन्तु उन्हें सफलता नहीं मिल पाई थी। एक साल बाद अपनी दूसरी कोशिश में उन्होंने 219वीं रैंक हासिल की और उन्हें त्रिपुरा कैडर में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) का पद आवंटित किया गया। निधि कहती हैं, मैं अपने चयन से खुश थी परन्तु IAS अधिकारी बनना मेरा अंतिम लक्ष्य था और इसलिए मैंने स्ट्रेटेजी बदल कर फिर से तैयारी करने का फैसला किया। जानते हैं उनकी तैयारी की रणनीति और उम्मीदवारों के लिए उनकी क्या सलाह है उसके बारे में।
IPS में चयनित होने के बाद निधि ने IAS बनने के लिए तीसरी बार फिर एग्ज़ाम दिया हालांकि इस बार फिर उन्हें झारखण्ड कैडर में आईपीएस पद के लिए चुना गया। निधि कहती हैं कि मुझे एहसास हुआ कि मुझे अपनी पूरी रणनीति पर ध्यान देने की ज़रूरत है। अपने विषयों पर विचार करते हुए मैंने विश्लेषण किया की मेरा ऑप्शनल सब्जेक्ट में एवरेज स्कोर की वजह से ऐसा हो रहा है। आपको बता दें कि निधि ने अपने पहले तीन एटेम्पट सोशियोलॉजी ऑप्शनल के साथ दिए थे। परन्तु उन्हें इस सब्जेक्ट में ज़्यादा इंटरेस्ट नहीं था। इसलिए निधि ने अपना ऑप्शनल चेंज कर के गणित लिया जिसके बाद उन्हें 23वीं रैंक हासिल हुई।
निधि कहती हैं, अपने अनुभव से मैं कह सकती हूं कि वैकल्पिक पेपर के लिए मेरी खोज में मैंने अपने चौथे प्रयास में जीएस और निबंध खंड में इतना अच्छा स्कोर नहीं किया। इससे यह निष्कर्ष निकला कि मुझे अपनी अध्ययन रणनीति को ठीक करने की आवश्यकता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि मैं सिलेबस के सभी वर्गों को समान महत्व दे सकूँ। सही विश्लेषण करने के बाद निधि ने एक बार और प्रयास करने का फैसला किया और इसके लिए अपनी पोस्टिंग से एक साल की छुट्टी भी ली। मैथ्स ऑप्शनल के साथ-साथ निधि ने अपने एस्से और GS पेपर्स की भी तैयारी की और 2019 की UPSC सिविल सेवा परीक्षा में 23वीं रैंक हासिल की।
निधि कहती है, इस परीक्षा को क्रैक करने की कुंजी एस्पिरेंट के रिविज़न के तरीके में निहित है। जितना अधिक समय आप रिविजन में बिताएंगे, परिणाम बेहतर होंगे। प्रीलिम्स और मुख्य परीक्षा दोनों में हमेशा समय की कमी होती है, इसलिए आप जब भी कोई प्रश्न देखें तो इसका उत्तर आपको तुरंत ही पता होना चाहिए। टाइम मैनेजमेंट के संदर्भ में, निधि का उल्लेख है कि हर रात वह अगले दिन के लिए रणनीति निर्धारित करती थीं। वह बताती हैं "मैंने यह सुनिश्चित किया कि मैंने प्रत्येक दिन के लिए जो कुछ भी निर्धारित किया था उसे अवश्य पूरा करूँ।
मेंस के लिए निधि कहती हैं, प्रीलिम्स के ठीक बाद, एस्पिरेंट्स जीएस के लिए कुछ समय निर्धारित कर सकते हैं, और वैकल्पिक और निबंध पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। सुनिश्चित करें कि आप प्रीलिम्स के लिए अपना अंतिम संशोधन शुरू करने से पहले अपने ऑप्शनल पेपर की तैयारी पूरी कर चुके हैं। अंत में वह कहती है, कुछ भी या किसी के शब्दों से प्रभावित ना हों। यह परीक्षा केवल कड़ी मेहनत और निरंतरता से ही पास की जा सकती है। यदि आप मेहनत कर रहे है तो आपका सफल होना सुनिश्चित हैं।
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