International Epilepsy Day 2021 : मिर्गी एक ऐसी बीमारी है, जिसको लेकर पिछले कुछ सालों के दौरान लोगों में काफी जागरूकता बढ़ है। लेकिन आज भी कई लोग इस बीमारी को दैवी प्रकोप या दुष्टात्मा के शरीर में प्रवेश से जोड़कर देखते हैं। मिर्गी के दौरे पड़ने पर व्यक्ति का ऐंठने लगता है और शरीर झटके भी मारने लगाता है। इस दौरान व्यक्ति का व्यवहार बदल जाता है। कुछ लोग तो इस दौरान एक एकटक एक ही चीज को देखने लगते हैं और भी कई अन्य लक्षण उभरते हैं। लेकिन ये समस्याएं किसी चमत्कार के कारण नहीं होती है।
दरअसल, मिर्गी के दौरे पड़ने के दौरान मस्तिष्क की कुछ कोशिकाओं के अत्यधिक या असामान्य रूप से सक्रिय हो जाने के कारण दौरा पड़चा है। इन्हें न्यूरॉन्स कहा जाता है। समय रहते मिर्गी का इलाज करावाया जा सकता है। इस Video में हम आपको मिर्गी से जड़ी सभी प्रकार की जानकारी देने वाले हैं।
मिर्गी विशेषज्ञ के अनुसार, हर दौरा मिर्गी नहीं होता है। इसलिए सबसे इस बात को समझना होगा कि मिर्गी से हजार में से लगभग 4 से 5 लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं। बच्चों में मिर्गी की समस्या जन्म के समय या फिर पूर्व समय में मस्तिष्क किसी प्रकार की क्षति पंहुचने के कारण भी हो सकती है। इसके साथ ही शरीर के विभिन्न हार्मोन्स के कुछ दोष भी मिर्गी की समस्या को बढ़ा सकते हैं। छोटी उम्र में मिर्गी की समस्या होने से कुछ बच्चों के के त्वचा पर भूरे या लाल धब्बे नजर आने लगते है।
शांत रहें
टाईट कपड़ो को ढीला कर दें
हाथ-पैर को पकड़ने की कोशिश न करें
दौरे के दौरान काफी तेज झटके पड़ते हैं। आपके रोकने से से वो रुकेंगे नहीं। इस दौरान मरीज को चोट लग सकती है
मरीज़ को सीधी जगह पर करवट के बल लिटा दें
जूते, चप्पल न सूघाएं
फर्श से टकराने से उनके सिर को रोकने के लिए उनके सिर के नीचे कुछ नरम चीज रखें
अधिकतर दौरे 2 से 4 मिनट में खुद ही रुक जाते हैं