International Museum Day 2025 : अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस का इतिहास, थीम और महत्व

18 May, 2025
Pinterest International Museum Day 2025 : अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस का इतिहास, थीम और महत्व

International Museum Day 2025 : अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस हर साल 18 मई को मनाया जाता है। इस दिन के माध्यम से हमें अपने इतिहास और अतीत से जुड़ने का अवसर मिलता है। साथ ही ऐतिहासिक इमारतों और संग्रहालयों को समझने और उन्हें संरक्षित करने की प्रेरणा मिलती है। संग्रहालयों के सामाजिक, सांस्कृतिक और शैक्षणिक महत्व को समझना और उजागर करना इस दिन का महत्व है। संग्रहालय केवल ऐतिहासिक इमारतें नहीं बल्कि समाज के सक्रिय, शिक्षाप्रद और प्रेरणादायक केंद्र हैं। इनसे हमें बहुत कुछ सीखने व समझने के लिए मिलता है। आइए जानते हैं इस दिन का इतिहास, थीम और महत्व।

अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस का इतिहास

अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस को मनाने की शुरुआत 1977 में हुई थी। संग्रहालय केवल ऐतिहासिक वस्तुओं के संकलन का स्थान नहीं, बल्कि जीवित संस्कृति, विरासत है। यह न केवल ‘दर्शनीय स्थल’ हैं। बल्कि ‘सांस्कृतिक और शैक्षिक संस्थान’ भी है। यह दिन सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के प्रति जिम्मेदारी की प्रेरणा देता है। अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को पहचानने का अवसर देता है और लोगों को जागरूक करता है।

अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस 2025 की थीम

अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय परिषद के दिन हर वर्ष कोई न कोई थीम निर्धारित की जाती है। जो वैश्विक सांस्कृतिक या सामाजिक परिवेश से जुड़ी होती है और उनके संरक्षण के लिए लोगों को जागरुक करती है। अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस 2025 की थीम ‘‘तेजी से बदलते समुदायों में संग्रहालयों का भविष्य’’ है। यह थीम संग्रहालयों के महत्व और भविष्य में इनके संरक्षण पर ज़ोर देता है।

अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस का महत्व

अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस का बहुत महत्व होता है। इस दिन के माध्यम से सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण की प्रेरणा मिलती है। संग्रहालय हमारी सभ्यता, संस्कृति और इतिहास का जीवंत दस्तावेज है। जिससे हमें इनके बारे में अहम जानकारी मिलती है। संग्रहालय छात्रों, शोधकर्ताओं और आम जनता के लिए ज्ञान का स्रोत है। इनके द्धारा शैक्षणिक जानकारी प्राप्त होती है। संग्रहालय सामाजिक संवाद का केंद्र होते हैं। जो समाज के विविध मुद्दों पर चर्चा, प्रदर्शनियों और कार्यशालाओं के माध्यम से संवाद स्थापित करते हैं। यह पर्यटन को बढ़ावा देते हैं। जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। यह दिन स्थानीय कलाकारों, शिल्पकारों और समुदायों की कला और उनकी मेहनत को मंच प्रदान करता है।

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