Kamada Ekadashi 2025 Date: कामदा एकादशी का व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है। यह व्रत चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रखा जाता है। इस दिन पूरे विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस व्रत को रखने से सभी पाप से मुक्ति मिलती है। सभी कष्टों का नाश होता है और इच्छाओं की पूर्ति होती है। इस व्रत को रखने और विधिपूर्वक पूजा करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहता है। आइए जानते हैं इस व्रत की तिथि, शुभ मुहूर्त, व्रत पारण समय, पूजा विधि और महत्व।
कामदा एकादशी की तिथि
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का कामदा एकादशी कहते हैं।
एकादशी तिथि की शुरुआत- 07 अप्रैल रात 08 बजे से होगी।
एकादशी तिथि का समापन- 08 अप्रैल रात 09 बजकर 12 मिनट पर होगा।
कामदा एकादशी का व्रत 08 अप्रैल को रखा जाएगा।
कामदा एकादशी का व्रत पारण 09 अप्रैल को किया जाएगा।
व्रत पारण समय- 09 अप्रैल सुबह 06 बजकर 02 मिनट से सुबह 08 बजकर 34 मिनट तक।
कामदा एकादशी पूजा विधि
कामदा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठें।
स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
इसके बाद व्रत का संकल्प लें।
घर के मंदिर की साफ-सफाई करें।
गंगाजल का छिड़काव करें।
एक चौकी पर पीले रंग का कपड़ा बिछा दें।
इस पर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
विष्णु जी को फूल, फल, धूप, दीप अर्पित करें।
उनका प्रिय नैवेद्य भी अर्पित करें।
अंत में आरती करें।
कामदा एकादशी का महत्व
कामदा एकादशी का दिन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। इस दिन व्रत भी रखा जाता है। कहा जाता है इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से ब्रह्महत्या और अनजाने में किए हुए सभी पापों से मुक्ति मिलती है। इस व्रत की कथा सुनने से वाजपेय यज्ञ के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है। इस व्रत को रखने से घर में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है। श्री हरि की कृपा भक्त पर बनी रहती है।
डिस्क्लेमर- इस लेख में दी गई जानकारी इंटरनेट, लोक मान्यताओं और अन्य माध्यमों से ली गई है। जागरण टीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है।