Kawad Yatra 2025 : सावन के महीने में पवित्र कांवड़ यात्रा की शुरुआत होती है। 11 जुलाई यानी आज से ही सावन महीने की शुरुआत हो रही है और कांवड़ यात्रा का भी आरंभ हो रहा है। कांवड़ यात्रा का आयोजन पुराने समय से ही होता आया है। कहा जाता है कि त्रेता युग में भगवान शिव को लंका में स्थापित करने के लिए रावण भी हरिद्वार से गंगाजल को कांवड़ में लेकर गया था। वहीं सबसे पहले भगवान परशुराम ने कांवड़ यात्रा आरंभ की थी। कावंड़ यात्रा के नियम फाकी कठिन होते हैं और हर कांवड़िये को इसका पालन करना होता है। कांवड़ यात्रा कई तरह की होती है जिससे कांवडिये अपनी सुविधानुसार कर सकते हैं। कांवड़ मुख्यतः चार प्रकार की होती है। इसमें से पहली सामान्य कांवड़ यात्रा, दूसरी खड़ी कांवड़ यात्रा, तीसरी डाक कांवड़ यात्रा और चौथी दंड कांवड़ यात्रा है। जानें इन चार प्रकार की कांवड़ के बारे में।
सामान्य कांवड़
सामान्य कांवड़ सबसे ज्यादा प्रचालित है। सबसे ज्यादा कांवड़िये इसी यात्रा के लिए निकलते हैं। इस यात्रा में कांविड़ये थकान होने पर कांवड़ को किसी स्टैंड पर या किसी उंची जगह रख सकते हैं। उसके बाद दौबारा अपनी यात्रा आरंभ कर सकते हैं।
खड़ी कांवड़
खड़ी कांवड़ा में दो साथी होते हैं जो कांवड़ को लाते हैं इनमें यदि एक साथी थक जाता है तो दूसरा कांवड़ को उठा कर चलता है और दूसरा थक जाता है तो पहला साथी कांवड़ को लेकर चलता है। इस स्थिति में कांवड़ स्थिर नहीं रहता और हिलता रहता है। खड़ी कांवड़ में कांवड़ को जमीन पर नहीं रखा जाता है।
डाक कांवड़
डाक कांवड़ में गंगाजल भरने के बाद 24 घंटे के भीतर उसे शिवालय में पहुंचाना होता है और महादेव का जलाभिषेक किया जाता है। इसलिए इस यात्रा के दौरान कांवड़िये को लगातार बिना रुके दौड़ना होता है। इस कांवड़िये को कोई नहीं रोकता साथ ही प्रशासन इनके लिए अलग से मार्ग निर्धारित करती है ताकि इनकी यात्रा में कोई भी रुकावट न आए। यह काफी मुश्किल यात्रा होती है।
दंड कांवड़
दंड कांवड़ भी काफी मुश्किल कांवड़ यात्रा होती है। इस यात्रा में काफी लंबा समय लगता है। कभी-कभी लगातार करीब एक महीना भी लगता है। इस कांवड़ यात्रा के दौरान दंड बैठक करते हुए कांवड़ यात्रा पूरी की जाती है और ऐसे ही कांवड़ लाई जाती है। यह काफी कठिन प्रक्रिया होती है।
डिस्क्लेमर- इस लेख में दी गई जानकारी इंटरनेट, लोक मान्यताओं और अन्य माध्यमों से ली गई है। जागरण टीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है।