Stock Market में शेयर्स खरीदने और बेचने के अलावा एक और महत्वपूर्ण पहलू है जिसको हम Holding कहते हैं। शेयर्स को होल्ड करने वाले Investors सही समय का इंतजार करते हैं और फिर तय करते हैं कि कौन सा शेयर बेचें या खरीदें। जब शेयर्स को खरीदने के बाद लंबे समय के लिए अपने पास रखते हैं तो उसे शेयर को होल्ड करना कहते है। शेयर को लंबे समय तक होल्ड करने से रिस्क फैक्टर कम होता है और रिटर्न मिलने की संभावना अधिक होती है। साथ ही Investor को Trading और Investing एक ही जैसे लगती है लेकिन ऐसा नहीं है। Trading में आप Short Term के लिए हाई-रिस्क पर शेयर्स में पैसे लगाते हैं और उन्ही से मुनाफा कमाते हैं। वहीं Investing करने वाले लोग शेयर्स को खरीद कर लंबी अवधि तक होल्ड करते हैं और सही समय देखकर शेयर्स को बेचना चाहिए या और इंतजार करना चाहिए।
Investors अपने Invest के लिए जो समय तय करता है। विशेषत किसी भी Securities के समूह की खरीद और बिक्री के बीच की अवधि को Holding अवधि के रूप में जाना जाता है। जब कोई लंबा समय लेता है, तो Holding अवधि किसी Property की प्रारंभिक खरीद और बाद की बिक्री के बीच के समय को दर्शाती है।
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