कोरोना वायरस महामारी की वजह से देश को काफी नुकासान हुआ। इस दौरान कई लोगों की नौकरियां चली गई, कई लोग बेरोज़गार हो गए। लेकिन इसी को देखते हुए Kochi की Social Entrepreneur Lakshmi Menon ने गरीब महिलाओं को रोजगार दिलाया। दरअसल लक्ष्मी मेनन ने ये नोटिस किया है कि पीपीई किट के बचे हुए टुकड़े कई बार शहर में यहां-वहां पड़े हुए दिखाई देते हैं। इस तरह के दो या दो से अधिक कपड़ों को उन्होंने अपने बेडरोल बनाने के लिए आपस में मिलाया। इस बिस्तर को लक्ष्मी ने 'शैया' नाम दिया। लक्ष्मी कहती हैं इस तरह के बेड बनाने से दो फायदा हुआ। बेकार बचे हुए कपड़ों का सही इस्तेमाल हुआ। साथ ही सुविधाजनक बेडरोल बनने से इसका उपयोग करने वाले मरीजों को आराम मिला। शैया को कहीं भी ले जाना काफी आसान है क्योंकि ये आसानी से फोल्ड करके रखे जा सकते हैं। इन्हें रजाई की तरह फोल्ड करके रख सकते हैं। बुजुर्गों के लिए भी यह बिस्तर काफी सुविधाजनक है। शैया बनाने के लिए किसी खास अनुभव की जरूरत नहीं होती है। इसके लिए ज्यादा पैसे भी नहीं चाहिए। सिर्फ आपके दिल में लोगों की सेवा करने का जज्बा होना चाहिए।