Mahesh Navami 2025 Puja Vidhi : ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को महेश नवमी मनाई जाती है। इस साल महेश नवमी 04 जून को मनाई जाएगी। यह दिन भगवान भोलेनाथ को समर्पित होता है। इस दिन पूरे विधि-विधान से भोलेनाथ की पूजा की जाती है। इस दिन शिव मंदिरों में भारी भीड़ होती है। संतान प्राप्ति की इच्छा करने वाली महिलाओं के लिए भी यह दिन विशेष होता है। आइए जानते हैं पूजा विधि, मंत्र और आरती।
महेश नवमी की पूजा विधि
महेश नवमी के दिन सुबह जल्दी उठें।
स्नान करें और स्वच्छ वस़्त्र धारण करें।
इसके बाद व्रत का संकल्प लें।
घर और मंदिर की अच्छी तरह साफ-सफाई करें।
माता पार्वती और भगवान शिव की की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
इसके बाद दीपक और धूप जलाएं।
पुष्प, बेलपत्र और फल अर्पित करें।
पूजा के दौरान मंत्रों का जाप करें।
अंत में आरती करें।
इसके बाद अपनी भूल के लिए माफी मांगें।
महेश नवमी के मंत्र
ॐ नमः शिवाय
ॐ रुद्राय नमः
ॐ महादेवाय नमः
ॐ त्र्यम्बकाय विद्महे
ॐ शंभवे नमः
जय नाथ कृपासिन्धोजय भक्तार्तिभंजन।
जय दुस्तरसंसार-सागरोत्तारणप्रभो॥
प्रसीदमें महाभाग संसारात्र्तस्यखिद्यत:।
सर्वपापक्षयंकृत्वारक्ष मां परमेश्वर॥
महेश नवमी की आरती
जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा॥
ॐ जय शिव ओंकारा
एकानन चतुरानन पंचानन राजे।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे॥
ॐ जय शिव ओंकारा
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे॥
ॐ जय शिव ओंकारा
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे॥
ॐ जय शिव ओंकारा
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता॥
ॐ जय शिव ओंकारा
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका॥
ॐ जय शिव ओंकारा
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा
त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे॥
ॐ जय शिव ओंकारा
डिस्क्लेमर- इस लेख में दी गई जानकारी इंटरनेट, लोक मान्यताओं और अन्य माध्यमों से ली गई है। जागरण टीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है।