Yoga Poses for Stomach Disorders: आज कल का जो हमारा खान पान है उसमे पेट से सम्बंधित परेशानी बहुत ज़्यादा रहती है। कब्ज बढ़ती उम्र में सामान्य बात है, लेकिन कम उम्र में कब्ज की परेशानी चिंता की बात है। पेट से सम्बंधित परेशानी के लिए व्यक्ति को खानपान और वर्कआट पर ध्यान देना चाहिए। जंक और स्ट्रीट फ़ूड के सेवन से परहेज करें। योग का भी सहारा लिया जा सकता है। पेट से परेशान हैं तो ये योगासन रोजाना करें ।
वज्रासन करने के लिए बस अपनी पसंद के शांत से कोने में जाकर बैठ जाइए। वज्रासन कहीं भी किया जा सकता है। वज्रासन टीवी देखते हुए बेड के ऊपर भी इस आसन को कर सकते हैं। वज्रासन करने के लिए आप पैरों को पीछे की तरफ मोड़ते हुए घुटनों के बल बैठ जाएं। कमर, कंधे और पीठ सीधे रखें। गर्दन को सीधा रखें। मुंह सामने की तरफ रखें। दोनों हाथों को घुटनों के ऊपर रखें। आंखें बंद कर मन को शांत करने का कोशिश करें और गहरी सांसे लें।
पवनमुक्त का अर्थ है पवन को मुक्त करना। पवनमुक्तासन पेट की हवा निकालने में मदद करता है इसलिए इस आसन का नाम पवनमुक्तासन है। पवनमुक्तासन करने के लिए सबसे पहले आप पीठ के बल लेट जाएं। फिर पैरों को फैलाएं और पैरों के बीच की दूरी को कम करें। अब दोनों पांव उठाएं घुटने मोड़ते हुए घुटनों को बांहों से घेर लें। सांस छोड़े, घुटनों को दबाते हुए छाती की ओर लाएं। फिर सिर उठाएं घुटनों को छाती के पास लाएं, जिससे ठोड़ी घुटनों को छूने करने लगे। कुछ देर इस स्थिति में रूके, सांस लेते हुए पैरों को जमीन पर लेकर आएं।
शशांक भुजंगासन करने के लिए सबसे पहले वज्रासन मुद्रा की स्थिति में आ जाएं। इसके बाद आप शशांकासन की स्थिति में आ जाइए। ध्यान रखिए आपके हाथ और कंधों के बीच की दूरी रहे। फर्श पर अपने माथे को टिकाएं इसके बाद सीने से फर्श को स्पर्श करते हुए उसे आगे की तरफ तब-तक लेते जाइए जब तक कि वह हाथों की सीध में न आ जाए।
पेट को जमीन से लगाते हुए सीने को और आगे व ऊपर की ओर कीजिए। इस स्थिति में पीठ धनुषाकार बनाते हुए सिर को पीछे की ओर झुकाना चाहिए। पीठ को धीरे-धीरे ऊपर की ओर धनुषाकार बनाये । सिर तथा पूरे शरीर को पीछे ले जाते हुए शशांकासन की स्थिति में आ जाइए। शशांक भुजंगासन आप 10 बार दोहरा सकते हैं।