National Press day 2024: प्रेस लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। राष्ट्रीय प्रेस दिवस हर साल 16 नवंबर को मनाया जाता है। यह दिन प्रेस की स्वतंत्रता, निष्पक्षता और सच्ची खबरों के के महत्व को रेखाकिंत करता है। भारत में प्रेस परिषद की स्थापना की वर्षगांठ के अवसर पर इसे मनाया जाता है। प्रेस दिवस का उद्देश्य प्रेस की स्वतंत्रता को बनाए रखना और इसकी गरिमा को बढ़ावा देना है और प्रेस के कर्तव्य के प्रति लोगों को जागरुक करना है। आइए जानतें हैं इस दिन का इतिहास, महत्व और थीम।
प्रेस परिषद की स्थापना 4 जुलाई 1966 को की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य प्रेस को बाहरी हस्तक्षेप और दबाव से बचाना था। इससे पत्रकार निष्पक्षता और ईमानदारी के साथ काम कर सकें। प्रेस परिषद का गठन संसद के एक अधिनियम के तहत किया गया था। जो प्रेस की जिम्मेदारी और जवाबदेही सुनिश्चित करता है।
राष्ट्रीय प्रेस दिवस प्रेस की स्वतंत्रता का प्रतीक है। यह पत्रकारों को अपनी आवाज बुलंद करने और समाज में पारदर्शिता बनाए रखने की प्रेरणा देता है। यह दिवस हमें याद दिलाता है कि पत्रकारिता का उद्देश्य केवल समाचार देना नहीं, बल्कि सच्चाई को उजागर करना और समाज में न्याय और समानता को बढ़ावा देना है। प्रेस लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। इसकी स्वतंत्रता सुनिश्चित करना देश के लोकतंत्र को मजबूत बनाता है। प्रेस दिवस इस जिम्मेदारी को समझने और निभाने की प्रेरणा देता है। यह दिन पत्रकारों को उनके कार्य के प्रति प्रेरित करता है और समाज में उनकी भूमिका को मान्यता देता है।
हर साल प्रेस दिवस के लिए एक विशेष थीम निर्धारित की जाती है। जो प्रेस की जिम्मेदारियों और चुनौतियों पर केंद्रित होती है। इस साल राष्ट्रीय प्रेस दिवस 2024 की थीम है प्रेस का बदलता स्वरुप। राष्ट्रीय प्रेस दिवस प्रेस की शक्ति, स्वतंत्रता और सामाजिक जिम्मेदारी को सम्मानित करने का दिन है। यह पत्रकारिता के मूल्यों को संरक्षित करने और सत्यता की दिशा में काम करने का संदेश देता है। इसलिए पत्रकारों की ज़िम्मेदारी है कि वह समाज को सच दिखाएं और अपने कर्तव्य को पूरी ईमानदारी से निभाएं।