National Youth Day 2025: स्वामी विवेकानंद की जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रुप में मनाया जाता है। स्वामी विवेकानंद की जयंती हर साल 12 जनवरी को मनाई जाती है। इस दिन को युवा दिवस के रुप में मनाने का उद्देश्य है युवाओं तक स्वामी विवेकानंद के विचार, दर्शन और संदेशों को पहुंचाना है।
राष्ट्रीय युवा दिवस का इतिहास
राष्ट्रीय युवा दिवस को भारत सरकार ने साल 1984 में मनाने का निर्णय लिया था। इसके बाद साल 1985 से यह दिन हर साल बड़े उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है। इस दिन मनाने का उद्देश्य युवाओं को उनकी जिम्मेदारियों और कर्तव्यों के बारे में जागरुक बनाना ताकि आगे चलकर वह राष्ट्र निर्माण और देश के विकास में अहम भुमिका निभाएं। स्वामी विवेकानंद सारे देश के लिए आने वाली पीढ़ी के लिए एक आदर्श हैं। वह आज भी प्रेरणा का स्रोत हैं, जो जीवन में उच्चतम लक्ष्य प्राप्त करने का मार्ग दिखाते हैं।
राष्ट्रीय युवा दिवस 2025 की थीम और विषय
राष्ट्रीय युवा दिवस की हर साल कोई न कोई विषय और थीम निर्धारित की जाती है, इस साल राष्ट्रीय युवा दिवस का विषय "राष्ट्र निर्माण के लिए युवा सशक्तिकरण" है। इसके साथ ही इस वर्ष इसकी थीम "युवा एक स्थायी भविष्य के लिए: लचीलेपन और जिम्मेदारी के साथ राष्ट्र को आकार देना" है।
स्वामी विवेकानंद के बारे में...
स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था। उन्होंने अपने जीवन के माध्यम से समाज में जागरूकता और सकारात्मकता का संदेश फैलाया। स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को आत्मनिर्भर, आत्मविश्वासी और सामाजिक रूप से जिम्मेदार बनने की प्रेरणा दी। उनका मानना था कि युवा किसी भी देश की शक्ति और भविष्य हैं। उन्होंने युवाओं को लक्ष्य प्राप्ति का संदेश दिया था जिसमें उन्होंने कहा, ‘उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।’ उनके ये विचार आज भी युवाओं को अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करते हैं। भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत किया। जिसकी धमक आज भी पूरे विश्व में गूंजती है। 1893 में शिकागो में आयोजित विश्व धर्म महासभा में उनके प्रभावशाली भाषण ने पूरे विश्व में भारत का नाम रोशन किया।
राष्ट्रीय युवा दिवस का महत्व
राष्ट्रीय युवा दिवस का भारत के युवाओं के लिए बहुत महत्व है। यह दिवस मनाने का उद्देश्य युवाओं को स्वामी विवेकानंद जी के संदेश को जन-जन तक पहुंचाना हैं। साथ ही उनके आदर्शों और विचारों का प्रचार करना है। ताकि युवा उनके विचारों से प्रेरित हों और अपने कौशल व क्षमता का सही से उपयोग करें। इस दिन को मानाने का मुख्य कारण है युवाओं में जागरूकता पैदा करना और उन्हें एक सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना है। विवेकानंद के विचारों के माध्यम से उन्हें यह समझाने की कोशिश की जाती है कि उनके पास समाज और देश को बदलने की शक्ति है। स्वामी विवेकानंद जयंती के दिन स्कूलों, कॉलेजों और संस्थानों में कई कार्यक्रम का आयोजन होता है। जिनमें संगोष्ठी, भाषण, निबंध लेखन, योग सत्र, और सांस्कृतिक गतिविधियां और प्रतियोगिताएं होती हैं।