PM CARES for Children: पीएम मोदी ने कोरोना में अनाथ हुए बच्चों के खाते में भेजी छात्रवृत्ति- देखें वीडियो

30 May, 2022

PM CARES for Children: पिछले साल आये कोरोना के चलते कई बच्चों ने अपने माता -पिता को खो दिया था। जिसके बाद इन बच्चों की पढाई, भविष्य और देखभाल को लेकर केंद्र सरकार ने अहम फैसला लेते हुए पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन योजना की शुरुआत की थी। जिसके तहत कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों को सशक्त बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्थिक सहायता देने की बात कही थी। वहीं, अब पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के माध्यम के तहत अनाथ बच्चों के बैंक खातों में पीएम केयर्स फंड से छात्रवृत्ति भेजी गई। 

 

PM मोदी ने कही बड़ी बात 

वहीं, इस दौरान PM मोदी ने कहा, "आज मैं प्रधानमंत्री के तौर पर नहीं, आपके परिवार के एक सदस्य के तौर पर आपसे बात कर रहा हूं। आज आप सभी बच्चों के बीच आकर मुझे बहुत सुकून मिला है। इसके साथ ही बच्चों की अच्छी पढ़ाई के लिए उनके घर के पास ही सरकारी या प्राइवेट स्कूलों में उनका दाखिला कराया जा चुका है। अगर किसी को प्रॉफेशनल कोर्स के लिए, हायर एजुकेशन के लिए एजुकेशन लोन चाहिए होगा तो पीएम केयर्स उसमें भी मदद करेगा।"


हर महीने मिलेंगे 4 हजार रुपये 


प्रधानमंत्री ने आगे कहा, रोजमर्रा की दूसरी जरूरतों के लिए अन्य योजनाओं के माध्यम से ऐसे बच्चों के लिए 4 हजार रुपए हर महीने की व्यवस्था भी की गई है। ऐसे बच्चे जब अपने स्कूल की पढ़ाई पूरी करेंगे, तो आगे भविष्य के लिए और भी पैसों की जरूरत होगी। इसके लिए 18-23 साल के युवाओं को हर महीने स्टाइपेंड मिलेगा और जब आप 23 साल के होंगे तब 10 लाख रुपये आपको एक साथ मिलेंगे।

 

पांच लाख तक मुफ्त इलाज 


पीएम मोदी ने बच्चों की शिक्षा के साथ स्वास्थ्य को भी ध्यान में रखते हुए बताया, "अगर कोई बच्चा बीमार पड़ता है तो उसे इलाज के लिए पैसे चाहिए। ऐसे में बच्चों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन के माध्यम से आपको आयुष्मान हेल्थ कार्ड दिया जा रहा है, इससे पांच लाख तक इलाज की मुफ्त सुविधा रहेगी।"

 

योजना में मिलने वाली सुविधाएं 

इस योजना के तहत प्रत्येक बच्चे को 20 हजार रुपये की स्कॉलरशिप दी जाती है। इसके अलावा बच्चों को आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत पीएम केयर्स फार चिल्ड्रेन पासबुक और हेल्थ कार्ड भी प्रदान किया जाएगा। इस योजना के तहत सरकार को 23 राज्यों के 611 जिलों से 9,042 आवेदन मिले थे। इनमें से 31 राज्यों के 557 जिलों के 4,345 आवेदनों को मंजूरी मिली।

 

योजना का यह है उद्देश्य 

आपको बता दें कि इस योजना का उद्देश्य बच्चों को हर रूप से सुरक्षित और उनकी देखभाल कराना है। इसके तहत इन बच्चों का आर्थिक कारणों के चलते भविष्य खराब न हो, इसके लिए उन्हें आर्थिक रूप से सहायता भी प्रदान की जाती है। ऐसे बच्चों को शिक्षा और स्कॉलरशिप के जरिए सशक्त बनाने के साथ 23 साल की उम्र में 10 लाख रुपए की वित्तीय सहायता देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।

Related videos

यह भी पढ़ें

This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.Accept
BACK