Shabari Jayanti 2025 Date: शबरी के जन्मोत्सव के रूप में माता शबरी जयंती मनाई जाती है। इस दिन पूरे विधि-विधान से भगवान राम के साथ माता शबरी का पूजन किया जाता है और व्रत भी रखा जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार माता शबरी ने भगवान राम को वन में अपने झूठे बेर खिलाए थे क्योंकि माता शबरी भगवान राम की बहुत बड़ी भक्त थीं। मां शबरी को प्रेम और ममता के प्रतीक माना जाता है। आइए जानते हैं कब रखा जाएगा शबरी जयंती का व्रत, तिथि, शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि।
शबरी जयंती की तिथि
- शबरी जयंती फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि पर मनाई जाती है।
- सप्तमी तिथि की शुरुआत- 19 फरवरी सुबह 7 बजकर 32 मिनट पर होगी।
- सप्तमी तिथि का समापन- 20 फरवरी सुबह 9 बजकर 58 मिनट पर होगी।
- शबरी जयंती 20 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी और व्रत भी रखा जाएगा।
शबरी जयंती की पूजा विधि
- शबरी जयंती के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें।
- स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- इसके बाद मंदिर की अच्छी तरह से साफ-सफाई करें।
- इसके बाद चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर भगवान राम और माता शबरी की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित करें।
- इसके बाद भगवान राम और माता शबरी की पूजा करें।
- भगवान को धूप, दीप, गंध, फूल और अक्षत अर्पित करें।
- भगवान राम को खीर, रबड़ी, धनिया पंजीरी और शुद्ध खोए की मिठाई का भोग जरुर लगाएं।
- इस दिन भगवान राम को बेर का भोग जरूर लगाएं।
- पूजा के बाद आरती जरुर करें।
शबरी जयंती का महत्व
शबरी जयंती का बहुत महत्व होता है। मां शबरी भगवान राम की भक्त थी। पौराणिक कथा के अनुसार मां शबरी ने भगवान श्री राम की कृपा से मोक्ष प्राप्त किया था। माता शबरी को जिस दिन मोक्ष मिला था उसी दिन को शबरी जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस दिन पूरे विधि-विधान से भगवान राम और माता शबरी की पूजा की जाती है। शबरी जयंती के दिन दान-पुण्य भी बहुत पुण्यदायी माना जाता है। भगवान राम की पूजा करने, व्रत रखने और दान करने से सभी प्रकार की समस्याओं से छुटकारा मिलता है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है साथ ही भक्तों पर श्रीराम की कृपा दृष्टि बनी रहती है।