Sourav Ganguly Birthday : भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज कप्तान सौरव गांगुली आज (8 जुलाई) अपना 53वां जन्मदिन मना रहे हैं। 'दादा' के नाम से मशहूर गांगुली ने न सिर्फ कई बार भारतीय टीम को जीत दिलाई, बल्कि अपने रणनीतिक कौशल से हारते हुए मैचों को भी जीत में बदला। उन्हें मैदान से संन्यास लिए भले ही काफी समय हो गया हो, लेकिन उनकी उपलब्धियां आज भी क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में जिंदा हैं। गांगुली ने सिर्फ भारतीय टीम को नई ऊंचाइयों पर नहीं पहुंचाया, बल्कि कई ऐसे युवा खिलाड़ियों को भी मौका दिया जो आगे चलकर बड़े स्टार बने। उनके जन्मदिन के इस खास मौके पर आइए जानते हैं सौरव गांगुली के 5 ऐसे रिकॉर्ड्स के बारे में, जिन्हें आज तक कोई खिलाड़ी नहीं तोड़ पाया है।
जब सौरव गांगुली और सचिन तेंदुलकर क्रीज पर होते थे, तो विरोधी टीम के लिए विकेट लेना लगभग नामुमकिन हो जाता था। इन दो महान बल्लेबाजों ने मिलकर 176 पारियों में 8227 रन जोड़े, वो भी करीब 48 की शानदार औसत से। वनडे क्रिकेट के इतिहास में आज तक कोई भी जोड़ी 6000 रन के आंकड़े को भी पार नहीं कर पाई है, जिससे गांगुली और तेंदुलकर का यह रिकॉर्ड और भी खास बन जाता है।
1999 वर्ल्ड कप में श्रीलंका के खिलाफ सौरव गांगुली ने 183 रनों की यादगार पारी खेली थी। यह पारी आज भी किसी भी भारतीय बल्लेबाज द्वारा वर्ल्ड कप में खेली गई सबसे बड़ी पारी है। रोहित शर्मा, विराट कोहली और वीरेंद्र सहवाग जैसे धुरंधर बल्लेबाजों के बावजूद, गांगुली का यह रिकॉर्ड आज भी कायम है।
भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सौरव गांगुली ने 1997 में एक ऐसा कारनामा कर दिखाया था, जिसे आज तक कोई दोहरा नहीं पाया है। उन्होंने लगातार चार वनडे मुकाबलों में 'प्लेयर ऑफ द मैच' का खिताब अपने नाम किया था।
सौरव गांगुली ने साल 2000 में हुई चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में ऐसा प्रदर्शन किया था, जिसे आज भी याद किया जाता है। उन्होंने साल 2000 में हुई चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में 117 रनों की पारी खेली। बता दें कि ये पारी आज भी किसी भी चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में सबसे बड़ा स्कोर है। अबतक उनका यह रिकॉर्ड कोई तोड़ नहीं पाया है।
सौरव गांगुली ने 2007 में पाकिस्तान के खिलाफ 239 रनों की शानदार पारी खेली थी। यह स्कोर आज भी किसी भी भारतीय बाएं हाथ के बल्लेबाज द्वारा टेस्ट क्रिकेट में बनाया गया सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर है। कई दिग्गज खिलाड़ी आए और गए, लेकिन यह रिकॉर्ड आज तक कायम है, जो टेस्ट क्रिकेट में गांगुली के ऐतिहासिक योगदान को दर्शाता है।