Vinayak Chaturthi 2024 Date: गणेश चतुर्थी बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन भगवान गणेश की पूरे विधि-विधान से पूजा होती है। इस दिन को विनायक चतुर्थी और गणेशोत्सव के नाम से भी जाना जाता है। गणेश जी को सभी देवताओं को प्रथम पूजनीय माना जाता है। उन्हें बुद्धि और विद्या का देवता माना जाता है। विनायक चतुर्थी के दिन लोग अपने घरों में गणपति की प्रतिमा स्थापित करते हैं और उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। मान्यता है कि इस दिन गणेश जी की पूजा करने से सभी कष्टों और समस्याओं का नाश होता है क्योंकि भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहते हैं। आइए जानते हैं गणेश चतुर्थी की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
गणेश चतुर्थ 2024 की तिथि और शुभ मुहूर्त
- आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी मनाई जाती है।
- चतुर्थी तिथि की शुरुआत - 9 जुलाई मंगलवार सुबह 6 बजकर 08 मिनट से होगी।
- चतुर्थी तिथि का समापन - 10 जुलाई बुधवार सुबह 7 बजकर 51 मिनट पर होगी।
- उदया तिथि के आधार पर विनायक चतुर्थी का व्रत 9 जुलाई को ही रखा जाएगा।
- विनायक चतुर्थी पूजा का शुभ मुहूर्त - 11 बजकर 03 मिनट से दोपहर 01 बजकर 50 मिनट तक रहेगा।
गणेश जी के पूजन मंत्र
गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा॥
महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरु गणेश।
ग्लौम गणपति, ऋद्धि पति, सिद्धि पति. करो दूर क्लेश ।।
विनायक चतुर्थी पूजा-विधि
- विनायक चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
- इसके बाद विनायक चतुर्थी व्रत का संकल्प लें।
- भगवान गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें।
- उन्हें पुष्प, फल चढ़ाएं और पीला चंदन लगाएं।
- गणेश भगवान को मोदक का भोग लगाएं।
- आषाढ़ विनायक चतुर्थी व्रत की कथा का पाठ करें।
- ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का जाप करें।
- इसके बाद गणेश जी की आरती करें।
- चंद्रमा के दर्शन करें और अर्घ्य दें।