Diabetes: मानव शरीर के लिए इंसुलिन बनना बेहद ज़रुरी है। यह रक्त से शरीर की कोशिकाओं में ग्लूकोज का संचार करता है। जब व्याक्ति के शरीर में पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बन पाता तो मेटाबॉलिज्म पर इसका प्रभाव पड़ता है। इंसुलिन एक तरह का हार्मोन होता है। यदि शरीर में कम मात्रा में इंसुलिन पहुंचता है तो खून में ग्लूकोज़ की मात्रा बढ़ जाती है। यही डायबिटीज़ होता है। डायबिटीज को मधुमेह और शुगर भी कहा जाता है। आज हम आपको बताएंगे कि डायबिटीज होने के पीछे क्या कारण है?
इंसुलिन की कमी के कारण, ग्लूकोज कोशिकाओं में नहीं जा पाता है और रक्त में बनना शुरू हो जाता है। इसलिए रक्त में ग्लूकोज़ की मात्रा बढ़ जाती है। इसी स्थिति को डायबिटीज़ करते हैं। जो कि इंसुलिन की कमी के कारण होता है।
आजकल जीवन इतना व्यस्त हो गया है कि व्यक्ति अपने लिए दो पल का समय नहीं निकाल पाता। डायबिटीज़ होने का एक कारण है पर्याप्त व्यायाम नहीं करना। एक्सरसाइज या योगा करने के बहुत फायदे हैं। इससे न सिर्फ हम डायबिटीज़ को रोक सकते हैं। बल्कि कई और बीमारियों से छुटकारा पा सकते हैं।
अक्सर देखा गया है कि डायबिटीज़ बढ़ती उम्र के लोगों को अपना शिकार अधिक बनाता है खासतौर पर जो 45 साल की उम्र के बाद। इसलिए ज़रुरी है कि 40 साल की उम्र के बाद अपनी सेहत का ध्यान रखें। नियमित रुप से एक्सरसाइज़ करें और अपने खाने-पीने का ध्यान रखें।
कहा जाता है कि एक विशेष समूह जैसे लातिनी अमेरिकी, एशियाई-अमेरिकियों, और प्रशांत द्वीपसमूह के कुछ जातीय समूहों को डायबिटीज का खतरा अधिक बना रहता है।
परिवार में किसी सदस्य को जैसे माता-पिता, दादा-दादी को यदि डायबिटीज़ हो तो यह मुमकिन है कि बच्चों को भी यही समस्या उत्पन्न हो जाए। लेकिन यदि आप पहले से ही अपनी सेहत को ध्यान रखते हैं और इससे बचा जा सकता है।
डायबिटीज़ का मुख्य कारण है तनाव। चिंता, डिप्रेशन या कोई भी ऐसी बात जिसका असर आपने मस्तिष्क पर नकारात्मक रुप से पड़े वह भी डायबिटीज़ को जन्म देता है। इसलिए कोकिश करें कि तनाव मुक्त रहें। आप ऐसे काम करें जिससे कि आपको खुशी मिलती हो।
भाग-दौड़ भरी जिंदगी में न तो व्यक्ति समय पर खा सकता है और नही उसे हेल्दी खाना मिल पाता है। डायबिटीज़ का एक यह भी कारण है कि व्यक्ति का खाने पीने की आदतें गलत हैं। यह जानते हुए भी उसे ठीक करने की कोशिश नहीं करते हैं।