World Voice Day 2025: विश्व आवाज़ दिवस हर साल 16 अप्रैल को मनाया जाता है। आवाज खुदा का दिया हुआ खूबसूरत तोहफा है। आवाज पहचान संवाद का ही नहीं पहचान और अभिव्यक्ति का माध्यम है। आवाज ही वो कड़ी हो जो पूरी दुनिया हो एक दूसरे से जौड़े हुए है। आवाज से समस्याआ का समाधान मिलता है। इस दिन दुनियाभर में आवाज़ से जुड़ी सुरक्षा को लेकर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। वाणी का सदुपयोग आपको दुनियाभर में पहचान दिला सकता है और वाणी का दुरउपयोग आपकी छवि को बिगाड़ भी सकता है। इसलिए वाणी पर संयम और सधे हुए शब्दों का प्रयोग करना बहुत जरुरी होता है। आइए जानते हैं इस दिन का इतिहास, थीम और महत्व।
विश्व आवाज़ दिवस का इतिहास
विश्व आवाज दिवस की शुरुआत 1999 में ब्राजील में हुई थी। इसे पहली बार ‘ब्राज़ीलियन आवाज दिवस’ में मनाया गया था। ब्राजील के आवाज स्वास्थ्य पेशेवरों के समूह द्वारा ‘ब्राज़ीलियन आवाज दिवस’ की शुरुआत की गई थी और लोगों को आवाज के प्रति जागरुक किया गया था। इसके बाद यह दिन कई देशों में मनाया जाने लगा। इस दिन के माध्यम से लोगों को आवाज़ की समस्याओं को रोकना, कलात्मक आवाज़ों को प्रशिक्षित करना और आवाज के महत्व के लिए जागरुक करना है।
विश्व आवाज दिवस 2025 की थीम
विश्व आवाज दिवस हर साल एक नई थीम घोषित की जाती है। जो आवाज़ की सुरक्षा, महत्व और तकनीकी प्रभावों पर केंद्रित होती है। वश्व आवाज दिवस 2025 की थीम ‘अपनी आवाज़ को सशक्त बनाएं’ है। यह थीम आवाज को प्रभावी बनाने और समाज में संचार के महत्व पर केंद्रित है।
विश्व आवाज दिवस का महत्व
विश्व आवाज दिवस का बहुत महत्व होता है। आवाज हमारे भाव, विचार और अभिव्यक्ति और पहचान का माध्यम है। इस दिन उद्देश्य आवाज को सुरक्षित रखना और आवाज़ के महत्व के प्रति जागरूक करना है। जिन लोगों की आवाज, किसी बीमारी या कैंसर के कारण चली गई है। इस दिन कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। आवाज हमारे भाव, विचार और अभिव्यक्ति का माध्यम है। इसलिए गलत तरीके से बोलने या चिल्लाने से आवाज़ पर बुरा असर पड़ सकता है।