Yoga Asanas For Asthma Relief : अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जिसमे साँस लेने में परेशानी होती है और खाँसी, घरघराहट हो सकती है। किसी व्यक्ति के Lung तक हवा न पहुंच पाने के कारण उसे साँस लेने में होने वाली तकलीफ को अस्थमा कहा जाता है। अलग-अलग लोगों पर अस्थमा का असर अलग-अलग होता है , अस्थमा कुछ लोगों के लिए एक मामूली परेशानी है। दूसरों के लिए अस्थमा एक बड़ी समस्या हो सकती है। आमतौर पर,अस्थमा के लक्षणों में साँस का फूलना, खांसी, सीने में दर्द होना होना शामिल हैं। उतार-चढ़ाव इन सभी लक्षणों में हो सकते हैं और अस्थमा से पीड़ित लोगों को कुछ मामलों में यह पता ही नहीं चलता है कि उन्हें अस्थमा की बीमारी है क्योंकि ये लक्षण नज़र नहीं आते हैं। अस्थमा को पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है, लेकिन समय रहते अगर इस पर ध्यान दे दिया जाये तो परेशानी बहुत नहीं बढ़ती है।
अधोमुख श्वानासन (Adho Mukha Svanasana)
अधोमुख श्वानासन (Adho Mukha Svanasana) सूर्य नमस्कार के 7 आसनों में से एक है। अधोमुख श्वानासन में भले ही शरीर पूरी तरह से न मुड़ता हो, लेकिन फिर भी अधोमुख श्वानासन से शरीर के भीतरी अंगों को अच्छी मसाज मिलती है। इसका अभ्यास करते हैं उस वक्त आपके शरीर का वजन पूरी तरह से हाथों और पैरों पर होता है। इससे इन दोनों अंगों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और वह शरीर का सही संतुलन बनाने में मदद करती हैं। ये आसन रिलैक्स रहने में मदद करता है और दिमाग को शांति प्रदान करता है।
अधोमुख श्वानासन करने का तरीका
1. सबसे पहले योग मैट पर पेट के बल लेट जाएं। इसके बाद सांस खींचते हुए अपने पैरों और हाथों से शरीर को उठाएं और टेबल जैसी शेप बनाएं।
2. सांस को बाहर छोड़ते हुए धीरे-धीरे हिप्स को ऊपर की तरफ उठाएं। अपनी कुहनियों और घुटनों को टाइट बनाए रखें। Body उल्टे 'V' शेप में आ जाए।
3. अधोमुख श्वानासन के अभ्यास के दौरान कंधे और हाथ एक सीध में रहें। जबकि पैर हिप्स की सीध में रहेंगे।
4. अब जमीन की तरफ हाथों को नीचे दबाएं और गर्दन को लंबा खींचने की कोशिश कीजिये।
5. कुछ सेकेंड्स तक रुकें और उसके बाद घुटने जमीन पर टिका दें और टेबल जैसी स्थिति में फिर से वापस आ जाएं।
सेतुबंधासन (Setubandhasana)
सेतुबंधासन (Setubandhasana) में शरीर सेतु के समान आकार में हो जाता है, इसलिए इसे सेतुबंधासन कहा जाता है।
सबसे पहले शुरुआत में अपने पीठ के बल लेट जाएँ।
अपने घुटनो को मोड़ लीजिये। एक सीध में घुटनो और पैरों को रखते हुए, दोनों पैरों को एक दुसरे से 10-12 इंच दूर रखते हुए फैला लीजिये।
हाथों को शरीर के साथ रख लीजिये। ध्यान रहे हथेलियाँ ज़मीन पर रहे।
साँस लेते हुए, धीरे से अपनी पीठ को ज़मीन से उठाएँ। धीरे से अपने कन्धों को अंदर की ओर लीजिये। बिना ठोड़ी को हिलाये अपनी छाती को अपनी ठोड़ी के साथ लगाएँ और अपने कन्धों, हाथों व पैरों को अपने वज़न का सहारा दें। शरीर के निचले हिस्से को इस दौरान स्थिर रखें। दोनों थाई इस दौरान एक साथ रहेंगी।
अपने हाथों को ज़मीन पर दबाते हुए शरीर के ऊपरी हिस्से को उठा सकते हैं। अपनी कमर को अपने हाथों द्वारा सहारा भी दे सकते हैं।
आसन को 1-2 मिनट बनाएँ रखें और साँस छोड़ते हुए आसन से बहार आ जाएँ।