देश में एक तरफ कोरोना महामारी का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है तो दूसरी ओर अब म्यूकोरमायकोसिस संक्रमण यानी ब्लैक फंगस के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्यमंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने बताया कि देश के 18 राज्यों में ब्लैक फंगस फैल चुका है। अब तक देशभर में ब्लैक फंगस के 5424 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। गुजरात और महाराष्ट्र में ब्लैक फंगस के सबसे अधिक मामले हैं। ब्लैक फंगस के 55 फीसदी मरीज शुगर पेसेंट हैं
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने जानकारी देते हुए बताया कि, “एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की 9 लाख खुराक केंद्र सरकार ने ब्लैक फंगस का इलाज करने के लिए आयात की है। इनमें से 50 हजार खुराक प्राप्त हो चुकी है। 3 लाख अतिरिक्त खुराक अगले 7 दिन में उपलब्ध हो जाएंगी।ब्लैक फंगस के 5,424 मामलों में 4,556 मरीज पहले कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे, जबकि 875 मरीज ऐसे हैं जिन्हें कोविड-19 की बीमारी नहीं हुई थी।”
आपको बता दें कि यूपी, बिहार , मध्य प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब, गुजरात, तमिलनाडु, राजस्थान, ओडिशा, चंडीगढ़, उत्तराखंड और तेलांगना ने ब्लैक फंगस को एपिडमिक डिजीज एक्ट, 1897 की धारा -2 के तहत महामारी घोषित कर दिया है। वहीं ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों को देख सरकार इसके इलाज में अहम एंफोटेरिसिन-बी की उपलब्धता को बढ़ाने में जुट गई है।
कोरोना महामारी के बीच ब्लैक फंगस, और वाइट फंगस के बाद अब येलो फंगस (Yellow Fungus) ने भी दस्तक दे दी है। येलो फंगस का पहला मामला यूपी के गाजियाबाद से सामने आया है। बताया जा रहा ह कि येलो फंगल, ब्लैक और वाइट फंगस से भी ज्यादा खतरनाक है। ईएनटी सर्जन डॉक्टर बृज पाल त्यागी के अस्पताल में यलो फंगस के मरीज का इलाज शुरू हो गया है।