Assembly Election 2024: लोकसभा चुनाव के बाद साल 2014 में अब विधआनसभा चुनाव का बिगुल भी बज चुका है। शुक्रवार को चुनाव आयोग की तरफ से हरियाणा और जम्मू कश्मीर में चुनाव की तारखों की घोषणा कर दी गई है। जम्मू कश्मीर में तीन चरणों में चुनाव होंगे जो कि 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को होंगे। हरियाणा की बात करें तो एक ही चरण में 1 अक्टूबर को चुनाव होगा। दोनों ही राज्यों के विधानसभा चुनवों के नतीजे 4 अक्टूबर कोसबसे सामने आएंगे। हरियाणा में बीजेपी की सरकार है तो वहीं जम्मू कश्मीर में साल 2018 से केंद्र का शासन है। 10 सालों के बाद जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। चलिए समझते हैं राज्य का राजनीतिक समीकरण किस प्रकार का है।
जम्मू कश्मीर की बात करें तो पिछली बार साल 2014 में यहां विधानसभा चुनाव हुए थे। उन चुनावों में किसी भी राजनीतिक दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था जिसके बाद बीजेपी औऱ पीडीपी ने मिलकर सत्ता चलाई थी। राज्य में उन चुनावों में 65 फीसदी वोटिंग हुई थी और बीजेपी को 23 फीसदी वोट मिले थे। लेकिन साल 2018 में बीजेपी के समर्थन वापस ले लेने की वजह से राज्य में सरकार गिर गई थी। और तब से लेकर अब तक वहां विधानसभा चुनाव नहीं हो पाए हैं।
बीते 10 सालों में प्रदेश की हवा में बहुत कुछ बदल चुका है। साल 2014 में जम्मू कश्मीर की 87 विधानसभा सीटों पर चुनाव हुए थे। इनमें से 37 जम्मू, 46 कश्मीर औऱ 6 सीचें लद्दाख की थीं। लेकिन साल 2022 में हुए परीसीमन के बाद राज्य में 90 विधानसभा सीटें हो चुकीं हैं, जिनमें इस साल चुनाव होंगे। आपको बता दें जम्मू में 43 सीटें होंगी तो वहीं कश्मीर में 47 विधानसभा सीटे रहेंगी।
अनुछेद 370 हटने के बाद राज्य में यह पहला विधानसभा चुनाव होगा। साल 2019 में अनुछेद 370 हटाकर राज्य को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया। इस अनुछेद के तहत प्रदेश के पास विशेष राज्य का दर्जा हुआ करता था। जिसके चलते प्रदेश का अपना अलग झंडा और संविधान भी था। इसके अलावा दूसरे राज्यों के लोग वहां के नागरिक भी नहीं बन सकते थे।
चुनाव आयोग के लिए भी 10 सालों के बाद प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराना आसान नहीं होगा। इस बात को कहीं ना कहीं चुनाव आयोग की मानता होगा। अनुछेद 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर इस साल होने वाला यह विधानसभा का चुनाव ही तय करेगा की घाटी की हवा किस तरफ बह रही है।