Basant Panchami 2025 Upay: बसंत पंचमी माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। इस साल बसंत पंचमी 2 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी। बसंत पंचमी सरस्वती माता को समर्पित होता है। इस दिन मां सरस्वती की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है। घर, मंदिरों व शिक्षा से जुड़े सभी संस्थानों में मां सरस्वती की पूजा की जाती है। यह त्योहार हमें प्रकृति के प्रति सम्मान और प्रेम का संदेश देता है। इस दिन कुछ उपाय करने से जीवन में सुख शांति और धन-समृद्धि आती है।
करें मां सरस्वती की पूजा
बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है। इस दिन पीले वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है। पूजा में मां को पीले रंग के फूल हल्दी, और केसर अर्पित करें। माँ सरस्वती के मंत्र “ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः” का 108 बार जाप करें।
सफलता पाने के लिए
वसंत पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान करें। इसके बाद देवी सरस्वती के सामने घी का दीपक जलाएं। इसके बाद मंत्र का “ॐ अर्हं मुख कमल वासिनी पापात्म क्षयम्कारी, वद वद वाग्वादिनी सरस्वती ऐं ह्रीं नमः स्वाहा’’ मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से सफलता प्राप्त होगी।
वैवाहिक जीवन की खुशहाली के लिए
बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को नारियल, चुनरी और कलावा अर्पित करने से वैवाहिक जीवन में आ रही मुश्किलों का नाश होता है और पति-पत्नी के रिश्तों में मधुरता आती है।
मां सरस्वती की कृपा के लिए
वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की विधिवत पूजा करें। उन्हें हल्दी का तिलक लगाएं और पीले रंग के फल, फूल, पीले वस्त्र और मिठाई चढ़ाएं। देवी के वैदिक मंत्रों का जाप भी करें। ऐसा करने से मां सरस्वती प्रसन्न होंगी। साथ ही उनकी सदैव के लिए कृपा मिलेगी।
संगीत या कला में सफलता पाने के लिए
बसंत पंचमी के दिन संगीत या कला के क्षेत्र में सफलता पाने के लिए मां सरस्वती का ध्यान करें और ‘ह्रीं वाग्देव्यै ह्रीं ह्रीं’ मंत्र का जाप करें। इसके साथ ही शहद का भोग लगा कर उसे प्रसाद के रूप में वितरित करें।
दान करें ये सामग्री
बसंत पंचमी के दिन दान करना अच्छा माना जाता है। इस दिन गरीबों को किताबें, पेन, कॉपी, और जरूरत की चीजें दान करनी चाहिए। इसके अलावा पक्षियों को दाना भी डालें।
कोर्ट कचहरी से बचने के उपाय
कोर्ट कचहरी से बचने के लिए दुर्गा सप्तशती में वर्णित ‘अर्गला स्तोत्र’ और ‘कीलक स्तोत्र’ का पाठ कर श्वेत वस्त्र का दान करने से लाभ होगा।
विद्या और बुद्धि के लिए
विद्यार्थियों को बुद्धि और विद्या के लिए अपनी शिक्षा से संबंधित सामग्री मां के चरणों में रखें। साथ ही स्मरण शक्ति में वृद्धि के लिए सरस्वती यंत्र या सरस्वती कवच का पाठ करें और हवन करें।