Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश में हाथरस के सिकन्द्राराऊ इलाके के पुलराई गांव में मंगलवार को एक सत्संग का आयोजन किया गया था। इस सत्संग में जो हुआ उसको लेकर किसी ने सपने में भी सोचा नहीं होगा। सत्संग के लिए आए लोगों में भगदड़ मच जाने की वजह से हादसा हो गया जिसमें 121 लोगों के मरने की खबर है तो वहीं दर्जनों लोग घायल बताए जा रहे हैं। कुछ ही समय के अंदर मैदान में लाशों का अंबार लग गया। मारे गए लोगों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे सामिल हैं। भक्तों को इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि जिस जगह वो सत्संग सुनने जा रहे हैं वो जगह उनके लिए काल बन जाएगी। इस घटना के बाद सत्संग के आयोजकों पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है और पुलिस लगातार कार्यवाई में लगी हुई है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल खड़ा होता है कि यह सत्संग किसका था। चलिए इसपर प्रकाश डालते हैं।
हाथरस में यह सत्संग 'भोले बाबा' के नाम से मशहूर है सूरजपाल जाटव का था। यह बाबा बीते 15 सालों से सत्संग कर रहा है और लाखों की संख्या में भक्त भी हैं। इन्हें हमेशा सफेद कुर्ता पजामा और सूट बूट में ही देखा गया है। आपको बता दें भोले बाबा के नाम से मशहूर इन बाबा का नाम सूरजपाल जाटव है। सूरजपाल जाटव यूपी के कासगंज जिले के रहने वाले हैं और पहले यूपी पुलिस में कॉन्सटेबल के पद पर कार्यारित थे। पुलिस में रहते हुए उनके ऊपर छेड़खानी का मामला दर्ज हुआ था जिसकी वजह से उन्हें नौकरी से निलंबित कर दिया गया था। इस मामले में सूरजपाल काफी समय तक जेल में रहा।
रिहाई के बाद जब सूरजपाल जेल से बाहर आया तो लोगों के सामने उसका बदला हुआ रूप सामने आया। नौकरी से हाथ धो बैठने के बाद उसने एक बार फिर से कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और उसकी नौकरी बहाल हो गई। लेकिन साल 2002 में उन्होंने नोकरी छोड़ने का फैसला किया और रिटायरमेंट ले लिया।
रिटायरमेंट लेने के बाद शुरू हुआ सूरजपाल जाटव से भोले बाबा बनने का सफर। भोले बाबा को लोग साकार विश्व हरि, हरि बोले बाबा के नाम से भी जानते हैं। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने अपने ही गांव से सत्संग करने का सिलसिला शुरू किया। धीरे धीरे सत्संग बड़े होते चले गए और भक्तों का तांता लगने लगा। पश्चिमी यूपी में बाबा सबसे ज्यादा प्रसिद्द हैं।