Jagran TV Exclusive: हाल ही में संघ लोक सेवा आयोग यानी यूपीएससी 2021 का रिजल्ट जारी हुआ है, जिसमे इस बार पहले तीनों पायदान पर लड़कियों ने बाजी मारी है। देश में एक बार फिर से लड़कियों ने लड़कों को पीछे छोड़ते हुए नारी सशक्तिकरण का एक अच्छा उदहारण पेश किया है। वहीं, इन तीन सफल नामों के अलावा कई ऐसे नाम की भी चर्चा हो रही है, जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और संघर्षों के बीच इस परीक्षा में सफलता पाई है।
उन्हीं में से एक नाम दिल्ली की आयुषी का भी है। जिन्होंने इस कठिन परीक्षा में 48वां स्थान प्राप्त किया है। आयुषी की इस सफलता की सबसे बड़ी चुनौती और संघर्ष की बात तो यह है कि वे पूरी तरह से नेत्रहीन हैं और उन्होंने नेत्रहीन होते हुए भी इस परीक्षा में टॉप 50 में जगह बनाकर दिव्यांगता को अभिशाप या हीना मानने वाले लोगों की आँखे खोलकर रख दी है।
आपको बता दें कि आयुषी दिल्ली सरकार के एक स्कूल में इतिहास की शिक्षिका हैं। इसके साथ ही उन्होंने ये परीक्षा अपने पांचवें अटेम्प में पास की है। वहीं, इसी बीच जागरण टीवी की टीम ने आयुषी का एक्सक्ल्यूसिव इंटरव्यू लिया, जिसमे आयुषी से तमाम सवालों पर चर्चा हुई और उन सवालों के जवाब भी जानने की कोशिश भी की।
1. यूपीएसी परीक्षा में 48वी रैंक के बाद आपको कैसा लग रहा है और क्या आपको उम्मीद थी कि आप इस परीक्षा में टॉप 50 में जगह बना पायेगी?
आयुषी ने इस सवाल का जवाब देते हुए बताया कि उन्हें टॉप 50 में जगह बनाने की उम्मीद बिल्कुल भी नही थी। हालांकि, इस बार के पेपर और इंटरव्यू को देखते हुए उन्हें इस बात का अंदाजा जरुर हो गया था कि इस बार की लिस्ट में उनका नाम जरुर हो सकता है।
2. रिजल्ट आने के बाद आपका और आपके परिवार का पहला क्या रिएक्शन था?
आयुषी ने बताया कि रिजल्ट देखने के बाद आयुषी और उनके परिवार के सभी सदस्य की आंखें नम हो गई। इसके साथ ही चार अटेम्प के असफल होने के बाद पांचवें अटेम्प में मिली सफलता के पीछे की गयी कड़ी मेहनत और कई सालों का संघर्ष उनके लिए बहुत मायने रखता है और यह पल उनके और उनके परिवार के सभी सदस्यों के लिए बहुत ख़ास था।
3. आपने इस परीक्षा के लिए कैसे तैयारी की?
आयुषी ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि वह पिछले 10 सालों से दिल्ली के सरकारी स्कूल में पढ़ा रही है। इसके साथ ही उन्होंने जॉब करते-करते इस परीक्षा की भी तैयारी की। आयुषी ने कहा कि उन्होंने अपने स्कूली शिक्षिका की शुरुआत प्राइमरी टीचर के तौर पर की थी, लेकिन वर्तमान में वह इतिहास की शिक्षिका हैं। उन्होंने इस दौरान उन्होंने बताया कि मैं धीरे-धीरे टेक्निकल चीजों से जुड़ी और इसने उनकी काफी सहायता भी की। आयुषी ने आगे बताया कि उन्होंने समय के साथ-साथ स्मार्ट फोन चलाना सीखा। इसके साथ ही स्क्रीन रीडिंग सॉफ्टवेयर्स का इस्तेमाल करके पढ़ाई की। इसके अलावा यू-ट्यूब ने भी उनकी काफी सहायता की।
4. आपको पढाई के दौरान किन-किन समस्याओं/कठिनाइयों का सामना करना पड़ा और इस पढाई में आपके परिवार ने किस तरह से आपकी सहायता की?
आयुषी ने बताया कि वह जन्म से ही नेत्रहीन है। ऐसे में उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन उनके परिवार ने हमेशा से ही उन्हें प्रेरित किया। उन्होंने आगे बताया कि यूपीएससी की परीक्षा तो सामान्य छात्रों के लिए भी बहुत ही मुश्किल होती है और ऐसे में दिव्यांग छात्रों के लिए तो ये परीक्षा और भी कठिन हो जाती है।
इसके साथ ही पढ़ाई से जुड़ी सामग्री को जुटाना और उन सभी जानकारी को याद करना एक बहुत ही मुश्किल कार्य था। लेकिन उनके परिवार की कड़ी तपस्या के बलबूते ही वे हिम्मत जुटा पाई और उन्होंने बताया कि उनके परिवार के सदस्य उन्हें किताबें पढ़-पढ़ कर सुनाते थे और कुछ किताबें अगर उनके पास सॉफ्ट कोपी में उपलब्ध होती थी, तो वे किताबों को पढ़ रहे अपने परिवार के सदस्यों की आवाज को रिकॉर्ड कर लेती थी और बाद में सुनती रहती थी।
6. इस परीक्षा को पास करने से पहले आपने 5 बार असफलता का सामना किया। इस दौरान आपने कैसे अपने आप को इस परीक्षा को पास करने के लिए कैसे प्रेरित रखा।
इस सवाल का जवाब देते हुए आयुषी ने कहा कि उन्हें इन 4 बार मिली असफलताओं के दौरान कई बार लगा कि वे कभी भी इस परीक्षा को पास नहीं कर पाएंगी, लेकिन उनकी इस हिम्मत और हौसले को बनाए रखने में उनकी मां का सबसे बड़ा हाथ रहा।
आयुषी की मां ने हमेशा से ही आयुषी को उनकी काबिलियत से रूबरू कराते हुए इस परीक्षा को पास करने को लेकर प्रेरित किया। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि वे जब भी कभी डिमोटिवेट हुई तो उनके आसपास के लोगों ने उन्हें हमेशा प्रेरणा दी। यही नहीं, उन्होंने इस दौरान यह भी कहा कि कभी-कभी लगता है कि हमसे ज्यादा विश्वास हमारे ऊपर हमारे अपनों को होता है।
7. स्कूल में सरकारी टीचर की अच्छी जॉब होते हुए भी आपने इस क्षेत्र को ही क्यों चुना?
आयुषी ने बताया कि सरकारी जॉब मिलने के बाद भी उन्होंने कभी ऐसा नहीं सोचा था कि वह किसी परीक्षा को नही देगी या आगे मेहनत नही करेगी। उन्होंने बताया कि उनकी इस जॉब ने उन्हें इस परीक्षा को पास करने लिए बहुत ही प्रेरित किया। आयुषी ने कहा कि उन्हें जॉब के दौरान पता चला कि हम अपनी पोस्ट से कैसे समाज के विकास में योगदान दे सकते हैं और बतौर शिक्षक जिस तरह से हम बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए कार्य करते है। उसी तरह यूपीएससी के जरिये हम समाज के बहुत ही बड़े तबके और अधिक क्षेत्रों में योगदान दे सकते है। यही वजह थी कि मैंने इस क्षेत्र को चुना।
8. इस परीक्षा की तैयारी कर रहे या भविष्य में तैयारी करने वाले दिव्यांग छात्रों के लिए आप क्या संदेश देना चाहेंगी?
आयुषी ने कहा कि जो भी छात्र दिव्यांग है, उन्हें अपने ऊपर हमेशा विश्वास बनाए रखना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने बहुत ही बात बात भी कही….” अवसर भी चुनौतियों में से ही निकलते हैं, इसलिए हमें कभी भी जिंदगी में किसी के कहने से हार नहीं माननी चाहिए। आयुषी ने आगे कहा कि मैं ऐसे सभी बच्चों के माता-पिता को खास तौर पर यह कहना चाहूंगी कि वह अपने बच्चों को जरूर पढाएं, क्योंकि पढ़ाई ही एकमात्र ऐसा जरिया है जो हमारी जिंदगी में बड़ा बदलाव ला सकता है।
9. आपने जॉब के साथ-साथ यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए कैसे अपना शेड्यूल तैयार किया?
आयुषी ने इस सवाल का जवाब देते हुए बताया कि जॉब के साथ-साथ पेपर की तैयारी करना काफी कठिन था, लेकिन उन्होंने इसके बावजूद भी पढ़ाई के लिए 8 से 10 घंटे निकालें। हालांकि, जिस दिन स्कूल जाना नही होता था, तो वे पढ़ाई को 12 से 15 घंटे देती थी। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि आपको परीक्षा में पास होने के लिए अपने कई शौक का त्याग करना पड़ता है, साथ ही अपने लिए टाइम भी कम ही देना पड़ता है। परीक्षा के ज्यादा नजदीक आने पर खाना खाते समय भी रिकार्डिंग ही सुनती रहती थी। जॉब के साथ- साथ टाइम मैनेजमेंट एक बहुत ही बड़ा फैक्टर है।
10. आईएएस पद पर आप किस तरह से अपना कार्य करेंगी?
आयुषी ने बताया कि सरकार हमें हमारे आइडिया और काम को सही तरीके से निर्देश देने के लिए रखती है और इसके साथ ही सरकार की तरफ से हमें सुपरवाइजर और असिस्टेंट भी मिले होते है, जिन्हें निर्देश देकर ही काम को सुचारू रूप से किया जाता है।