Janaki Jayanti 2025: जानकी जयंती को सीता जयंती या सीता अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन को माता सीता के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन बहुत शुभ माना जाता है और माता सीता और भगवान राम को समर्पित है। हर साल फाल्गुन माह में आने वाली कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जानकी जयंती मनाई जाती है। इस दिन पूरे विधि-विधान से सिया राम की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और महिलाओं को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है। आइए जानते हैं इस दिन की तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व।
जानकी जयंती शुभ मुहूर्त और शुभ योग
- फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जानकी जयंती मनाई जाती है।
- जानकी जयंती 21 फरवरी को शुक्रवार के दिन मनाई जाएगी।
- विजय मुहूर्त- दोपहर 02 बजकर 28 मिनट से 03 बजकर 14 मिनट तक।
- गोधूलि मुहूर्त- शाम 06 बजकर 13 मिनट से 06 बजकर 39 मिनट तक।
- निशिता मुहूर्त- रात 12 बजकर 09 मिनट से रात 01 बजे तक।
- इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, शिव वास और हर्षण का भी शुभ संयोग बन रहा है।
जानकी जयंती पूजा विधि
- जानकी जयंती पर सुबह उठें।
- इसके बाद पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें।
- साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें।
- घर और मंदिर की अच्छी तरह से साफ-सफाई करें।
- इसके बाद व्रत का संकल्प लें।
- इस दिन व्रत रखना बेहद शुभ माना जाता है।
- सूर्य देव को अर्घ्य दें।
- इसके बाद राम दरबार की भी पूजा करें।
- माता सीता को कुमकुम लगाएं।
- मां को फूलों की माला और शृंगार की सामग्री चढ़ाएं।
- इसके बाद फल और घर में बना प्रसाद का भोग लगाएं।
- अंत में आरती करें।
- इस दिन दान-पुण्य भी करें।
- दान-पुण्य करना बेहद शुभ माना जाता है।
जानकी जयंती का महत्व
जानकी जयंती का बहुत महत्व है। इस दिन मां सीता की पूजा की जाती है। यह दिन सुहागिन महिलाओं के लिए भी विशेष महत्व रखता है। माता जानकी को मां लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। इस दिन माता सीता और प्रभु राम की विधि-विधान से पूजा की जाती है। व्रत और पूजन करने से विवाहित महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।