Jitiya Vrat Fast Vidhi 2020: पुत्र के लिए निर्जला व्रत की जितिया व्रत की तिथि

10 Sep, 2020
Jitiya Vrat Fast Vidhi 2020: पुत्र के लिए निर्जला व्रत की जितिया व्रत की तिथि

Jitiya Vrat Fast Vidhi 2020:10 September को Jitiya Vrat है।  हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां लक्ष्मी का व्रत रखने से धन, यश और तरक्की की प्राप्ति होती है। इस बार अष्टमी तिथि 9 September को शुरू होगी। अष्टमी तिथि 9 September को रात 9 बजे लगेगी और 10 September को रात 10 बजकर 47 मिनट तक रहेगी।  इस दिन को खुर जिउतिया भी कहा जाता है। यह व्रत संतान की लंबी आयु, सुखी और निरोग जीवन (Long life, happy and healthy life) के लिए किया जाता है। संतान के सुखी और स्वस्थ्य जीवन के लिए यह व्रत रखा जाता है। छठ की तरह ही यह व्रत भी कई चरणों में होता है। यह व्रत तीन दिन का माना जाता है। पहले दिन (first day) नहाय खाय, दूसरे दिन (second day) निर्जला व्रत और तीसरे दिन (Third day) पारण किया जाता है । अश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन जीवित्पुत्रिका का व्रत किया जाता है। इस दिन ladies अपने बच्चों के लिए  Long life के लिए निर्जला व्रत रखती हैं, पूजा करती हैं और व्रत कथा (Fast story) सुनती हैं। ऐसी मान्यता है कि Jitiya Vrat रखने वाली माताओं के बच्चों के जीवन में कभी कष्ट नहीं आता और उनकी अकाल मृत्यु नहीं होती। इस व्रत को सुहागन स्त्रियां अपनी संतान को कष्टों से बचाने और लंबी आयु की मनोकामना के लिए करती हैं। साथ ही कहा जाता है कि पुत्रों के जीवन में कभी पैसों  की कमी नहीं होती और family में सुख शांति (Happy peace) बनी रहती है। कुछ जगहों पर इसे जितिया या जिउतिया व्रत के नाम से भी जाना जाता है। इस व्रत को निर्जला रखा जाता है। बिहार, बंगाल और पूर्वी उत्तर प्रदेश (Bihar, Bengal and Eastern Uttar Pradesh) में यह त्योहार (Festival) खास तौर पर मनाया जाता है। वैसे आपको बता दे Jitiya Vrat वाले दिन महिलाएं पितृों का पूजन कर बच्चों की लंबी आयु की भी कामना करती हैं। इस व्रत को करते समय केवल सूर्योदय से पहले ही खाया-पिया जाता है। सूर्योदय (Sunrise) के बाद पानी भी नहीं पी सकते हैं। नवमी के दिन सुबह व्रत (Fasting in the morning on Navami) का पारण किया जाता है। इस व्रत में सूर्योदय (Sunrise) से पहले भी मीठा ही भोजन किया जाता है। इस व्रत में पुत्रों की लम्बी आयु के लिए प्रार्थना की जाती है। सूर्य (Sun) को अर्घ्‍य देने के बाद ही कुछ खाया पिया जा सकता है। Jitiya Vrat में तीसरे दिन भात, मरुवा की रोटी और नोनी का साग खाए जानें की परंपरा है। Jitiya Vrat आप जीवन में खुशहाली लेकर आये। आपकी सभी मनोकामना पूरी हो।   

 

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