krishna janmashtami 2023: जानें भगवान श्री कृष्ण के गुरुओं के बारे में

06 Sep, 2023
krishna janmashtami 2023: जानें भगवान श्री कृष्ण के गुरुओं के बारे में

krishna janmashtami 2023: श्रीकृष्ण भगवान विष्णु के 10 अवतारों में से एक आठवें अवतार हैं। उन्हें सभी अवतारों में पूर्ण अवतार माना जाता है। श्रीकृष्ण 64 कलाओं में दक्ष थे और उनके पास अस्त्र-शस्त्र थे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण के भी गुरु थे। आइए जानते हैं श्री कृष्ण के गुरुओं के बारे में

सांदीपनी 

ऐसा माना जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण के सबसे पहले गुरु सांदीपनी थे। सांदीपनी के आश्रम में ही श्रीकृष्ण ने वेद और योग की शिक्षा,दीक्षा के साथ ही 64 कलाओं की शिक्षा ली थी। देवताओं के ऋषि को सांदीपनि कहा जाता है। उनका आश्रम अवंतिका (उज्जैन) में था। सांदीपनी कृष्ण के साथ-साथ बलराम और सुदामा के भी गुरु थे। 

नेमिनाथ

श्री कृष्ण के एक अन्य गुरु 22वें तीर्थंकर नेमीनाथजी थे। नेमीनाथजी जैन धर्म में 22वें तीर्थंकर मानें जाते हैं। जैन पुराणों और हिंदू पुराणों में नेमिनाथ का उल्लेख मिलता है। ऐसा माना जाता है कि नेमिनाथ और श्रीकृष्ण दोनों चचेरे भाई थे। क्योंकि  शौरपुरी (मथुरा) के यादववंशी राजा अंधकवृष्णी के ज्येष्ठ पुत्र समुद्रविजय के पुत्र थे नेमिनाथ। अंधकवृष्णी के सबसे छोटे पुत्र वासुदेव से उत्पन्न हुए भगवान श्रीकृष्ण। 

घोर अंगिरस

ऐसा मान्यता है कि घोर अंगिरस ने श्रीकृष्ण को जो उपदेश दिए थे वही उपदेश श्रीकृष्ण ने अर्जुन को कुरुक्षेत्र के मैदान में दिए थे। बाद में वही उपदेश गीता के नाम से प्रसिद्ध हुए। श्रीकृष्ण के गुरु घोर अंगिरस हैं इस बात का उल्लेख छांदोग्य उपनिषद में मिलता है। 

वेदव्यास

ऐसा माना जाता है कि महर्षि वेदव्यास से भी श्रीकृष्ण ने बहुत कुछ सीखा था। महाभारत के रचनाकार वेदव्यास ही थे। ऐसा माना जाता है कि हस्तिनापुर के प्रमुख स्तंभ पांडु, धृतराष्ट्र और विदुर महर्षि वेद व्यास के ही पुत्र थे। 

परशुराम

कहा जाता है कि भगवान परशुराम ने ही श्रीकृष्ण को सुदर्शन चक्र दिया था। 

डिस्क्लेमर- इस लेख में दी गई जानकारी और तथ्य इंटरनेट के माध्यम से लिए गए हैं।

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