National Broadcasting Day 2024: राष्ट्रीय प्रसारण दिवस हर साल 23 जुलाई को मनाया जाता है। यह दिन ऑल इंडिया रेडियो द्वारा देश में संगठित रेडियो प्रसारण की शुरुआत का भी प्रतीक है। आइए जानते हैं इस दिन की थीम, इतिहास और महत्व
राष्ट्रीय प्रसारण दिवस का इतिहास
23 जुलाई 1927 को, भारतीय प्रसारण का पहला कार्यक्रम भारतीय प्रसारण कंपनी द्वारा बॉम्बे (मुंबई) में रेडियो पर प्रसारित किया गया था। यह दिन भारतीय प्रसारण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है जिसे यादगार बनाने के लिए राष्ट्रीय प्रसारण दिवस के रूप में मनाया जाता है। 8 जून 1936 को "ऑल इंडिया रेडियो" की स्थापना हुई, जिसने भारतीय प्रसारण की दिशा को और मजबूत किया।
राष्ट्रीय प्रसारण दिवस का महत्व
राष्ट्रीय प्रसारण दिवस हमें भारतीय रेडियो प्रसारण के इतिहास और इसकी यात्रा को समझने का अवसर प्रदान करता है। यह दिन रेडियो के माध्यम से सूचना, शिक्षा और मनोरंजन के महत्व को भी रेखांकित करता है। रेडियो ने विशेष रूप से स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और आज भी यह ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में सूचना का महत्वपूर्ण स्रोत बना हुआ है। इस दिन रेडियो के विकास, उसकी चुनौतियों और भविष्य की संभावनाओं पर भी चर्चा की जाती है।
क्यों मनाया जाता है
राष्ट्रीय प्रसारण दिवस हर साल 23 जुलाई को भारतीय प्रसारण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण दिन के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य भारतीय प्रसारण के इतिहास, इसकी महत्वपूर्ण घटनाओं और इसके योगदान को याद करना है। इस दिन के माध्यम से भारतीय प्रसारण दिवस की यात्रा और उपलब्धियों को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है।
राष्ट्रीय प्रसारण दिवस 2024 की थीम
राष्ट्रीय प्रसारण दिवस 2024 पर कोई विशेष थीम नहीं है। लेकिन यह दिन उस वर्ष के प्रमुख मुद्दों और उद्देश्यों को प्रतिबिंबित करती है। इस दिवस का उद्देश्य प्रसारण के क्षेत्र में नवाचार, चुनौतियों और अवसरों पर ध्यान केंद्रित करना होता है। यह दिन प्रसारण की ताकत, डिजिटल युग में रेडियो की भूमिका और समाज में सूचना के प्रसार के महत्व पर जोर देता है।