दुनिया मे सबसे बड़ा स्थान गुरु को दिया गया है। एक अच्छा गुरु अपने विद्यार्थियों को श्रेष्ठ बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ता है। फिर उसके लिए गुरु को भले ही तकलीफ उठानी पड़े। एक ऐसे ही श्रेष्ठ गुरु का उदाहरण पेश किया है Chhattisgarh में Rajnandgaon जिले के Village baghera की Teacher Preeti Sharma ने। प्रीति चार साल पहले बघेरा के स्कूल में पोस्टिंग होकर आई थीं। प्रीति कक्षा छठवीं के बच्चों को गणित पढ़ा रही थीं तब उन्होंने महसूस किया कि बच्चो का पढ़ने से ज्यादा खेलने में ध्यान रहता है। इसके बाद कई दिनों तक प्रीति खेल के माध्यम से गणित पढ़ाने के विषय मे सोचती रहीं। उन्होंने यू-ट्यूब में एक विडियो देखा जिसकी मदद से बच्चे खेल-खेल में धनात्मक ऋणात्मक संख्या का ज्ञान ले रहे थे। बस तब से प्रीति ने भी प्रयोग करना शुरू कर दिया। प्रीति ने Waste Garbage Material के थर्माकोल, पैकिंग के वेस्टेज खड्डों से 100 से अधिक गणितीय खेल बनाए हैं जिनमें समीकरण पासा, कप स्टीक, टिल्स, एचसीएफ, दशमलव संख्याओं के खेल, वर्ग टावर, घन टावर, पूर्णकों को जोड़ने घटाने के लिए चकरी खेल, गणितीय सांप सीढ़ी, गणित का शहर, वर्गमूल घड़ी प्रमुख हैं। जिसकी मदद से बीज गणित जैसे कठिन समीकरण को भी आसानी से समझा पा रही हैं। वही भोजन अवकाश के बाद बच्चे छत्तीसगढ़ी पारम्पारिक नृत्य सुआ करते हैं, लेकिन बच्चे लोक गीत की धुन पर पहाड़ा गाते है। नतीजा यह हुआ है कि कक्षा चौथी के बच्चों को भी 40 तक का पहाड़ा याद हो चुका है। Math lab निर्माण से Childrens की गणितीय दक्षता में निखार आ रहा है। साथ ही बच्चों की गणित सीखने के प्रति जिज्ञासा भी बढ़ रही है। जिससे उनके परीक्षा परिणाम में आश्चर्यजनक परिवर्तन आया है। स्कूल का परीक्षा परिणाम 25 प्रतिशत तक बढ़ गया है। वही District Education Officer Hemant Upadhyay ने कहा कि बघेरा की शिक्षक ने बहुत बढ़िया प्रयोग किया है, जिसकी मदद से बच्चे खेल-खेल में गणित सीख रहे हैं। ऐसी पहल सभी स्कूलों में की जानी चाहिए। मैं खुद वहां Maths का Lab देखने गया था।