Mirabai Chanu Biography : टोक्यो ओलंपिक में मीराबाई चानू ने जीता सिल्वर मेडल, जानें उनके बारे में सबकुछ

30 Jul, 2021
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Mirabai Chanu Biography : आखिर वो घड़ी आ गईजिसका सबको बेसब्री से इंतजार था।  32वें ओलंपिक यानी टोक्यो 2020 का आगाज हो चुका है। देश दुनिया के खिलाड़ी मैदान में उतर चुके हैं। ओलंपिकमें भारत का पहला मेडल जीत लिया है। वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने देश के लिए सिल्वर मेडल जीता है। यह वेटलिफ्टिंग में भारत का पहला सिल्वर मेडल है। 

 बता दें कि मीराबाई चानू ने स्नैच वर्ग में 87 किग्रा जबकि क्लीन एंड जर्क कैटेगिरी में 115  किलो का वजन उठाया है। उसका अंतिम प्रयास 117 किग्रा का था, जिसे वह सफलतापूर्वक उठाने में विफल रही है और इसी के साथ मीराबाई ने सिल्वर मेडल अपने नाम कर लिया। साल 2000 में कर्णम मल्लेश्वरी के बाद ओलिंपिक में वेटलिफ्टिंग पदक जीतने वाली वो दूसरी वेटलिफ्टरगईं है। साल 2016 में वो क्लींन एंड जर्क में एक भी भार नहीं उठा पायी थी, लेकिनइस बार उन्होंने जमकर मेहनत की और करोड़ों भारतीयों का दिल जीत लिया। 

 

 


कौन हैं साइखोम मीराबाई चानू (Who is Chanu Saikhom Mirabai?)

 
 
 
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साइखोम मीराबाई चानू एक भारतीय वेटलिफ्टर हैजिन्होंने टोक्यो ओलंपिक में भारत के लिए सिल्वर मेडल जीता है। चानू इससे पहले भी देश के लिए कई मेडल जीत चुकी हैं। चानू ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई करने वाली एकमात्र भारतीय वेटलिफ्टर है। वह 49 किग्रा वर्ग में हिस्सा लें रही हैं। वर्तमान में चानू अपनी श्रेणी में चौथे स्थान पर हैं। 2016 में रियो खेलों में उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं था, जिसके बाद वो टोक्यो ओलंपिक में पदक जीतने के लिए बेताब होंगी।

Chanu Saikhom Mirabai Personal Life & Background

 
 
 
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मीराबाई चानू का जन्म मणिपुर में हुआ था और अभी वो अभी वो 26 साल की है। इम्फाल के एक गांव नोंगपोक काकचिंग में एक छोटे से सामान्य परिवार में जन्मी चानू के भाई-बहनों है। चानू अपने परिवार में सबसे छोटी है और उन्हें लिफ्टिंग की ताकत का पहली बार अंदाज़ा 12 साल की हुआ था। एक बार चानू और उनका 4 साल बड़ा भाई जलाने वाली लकड़ी का गट्ठर उठाने की कोशिश कर रहे थे, जो कि बेहद भारी थी। चानू का भाई लकड़ी का गट्ठर नहीं उठा पा रहा था। तब चानू ने  कोशिश की और उन्होंने गट्ठर  आसानी से उठा लिया।

Chanu Saikhom Mirabai Career & Achievements

आप ये जानकर हैरान रह होंगे कि शुरूआत में वो तीरंदाजी में अपना करियर बनाने की सोच रही थी लेकिन कुछ निजी कारणों के चलते वजह से वो वेटलिफ्टिंग में आ गई और दिनरात मेहनत की जिसके बाद वो देश की टॉप वेटलिफ्टर बनी है। मीराबाई इंफाल की वेटलिफ्टर कुंजरानी से काफी प्रभावित हुई है और उनको देखने के बाद वेटलिफ्टिंग में आने का फैसला किया था।

चानूने 2011 में अपने पहले राष्ट्रीय पदक जीता था, इसके बाद चान ने सभी राष्ट्रीय टूर्नामेंटों में अपना दबदबा बनाया था। उन्होंने ग्लासगो में 2014 राष्ट्रमंडल खेलों में 48 किग्रा वर्ग में रजत पदक अपने नाम किया था, जब उनकी उम्र सिर्फ 20 साल थी। चानू ने 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था और क्लीन एंड जर्क में 110 किलोग्राम भार उठाया। अगले ही साल उन्होंने थाईलैंड में कुल 192 किग्रा - स्नैच में 82 किग्रा और क्लीन एंड जर्क में 110 किग्रा भार उठाकर कप अपने नाम किया था। चानू को 2018 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

 

 

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