Lok Sabha Election 2024: देश में होने जा रहे लोकसभा के चुनावों से पहले देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के हालात ठीक नजर नहीं आ रहे हैं। पार्टी के बड़े नेता भी पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो रहे हैं। आगामी चुनावों को देखते हुए कांग्रेस के लिए ये एक बहुत ही बड़ी चिंता का विषय बन चुका है। हाल ही में पार्टी के तेज तर्रार और विपक्षी खेमें की बोलती बंद करने के लिए मशहूर नेता गौरव वल्लभ ने भी पार्टी छोड़ी है। वल्लभ ने अपना त्याग पत्र सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर साझा किया। पोस्ट को साक्षा करते हुए गौरव वल्लभ ने लिखा “कांग्रेस पार्टी आज जिस प्रकार से दिशाहीन होकर आगे बढ़ रही है,उसमें मैं ख़ुद को सहज महसूस नहीं कर पा रहा। मैं ना तो सनातन विरोधी नारे लगा सकता हूं और ना ही सुबह-शाम देश के वेल्थ क्रिएटर्स को गाली दे सकता। इसलिए मैं कांग्रेस पार्टी के सभी पदों व प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं।”
कांग्रेस पार्टी आज जिस प्रकार से दिशाहीन होकर आगे बढ़ रही है,उसमें मैं ख़ुद को सहज महसूस नहीं कर पा रहा.मैं ना तो सनातन विरोधी नारे लगा सकता हूं और ना ही सुबह-शाम देश के वेल्थ क्रिएटर्स को गाली दे सकता.इसलिए मैं कांग्रेस पार्टी के सभी पदों व प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़ा दे रहाहूं pic.twitter.com/Xp9nFO80I6
किसी अच्छे और प्रखर नेता का कांग्रेस पार्टी छोड़ना अब नया नहीं रह गया है। गौरव वल्लभ से पहले भी कई ऐसे नेता रहे हैं जिन्होंने पार्टी के खराब हालातों को जिम्मेदार ठहराते हुए पार्टी से हाथ जोड़ लिए हैं। जयवीर शेरगिल और शहजाद पूनावाल दो ऐसे बड़े नाम हैं जिन्हें हर किसी ने टीवी डिबेट्स में कांग्रेस के लिए बोलते सुना होगा लेकिन अब दोनों ही बीजेपी का पक्ष रखते नजर आते हैं।
जयवीर शेरगिल ने साल 2022 में कांग्रेस के अंदर के हालातों को जिम्मेदार बताते हुए पार्टी से इस्तीफा दिया था और बीजेपी ज्वाइन करने का फैसला लिया था। पार्टी पर बड़े आरोप लगाते हुए शेरगिल ने उस समय की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा सौंपा था। सोनिया गांधी को पत्र लिखते हुए उन्होंने कहा “मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है कि निर्णय लेना अब जनता और देश के हितों के लिए नहीं है, बल्कि यह उन लोगों के स्वार्थी हितों से प्रभावित है, जो चाटुकारिता में लिप्त हैं और लगातार जमीनी हकीकत की अनदेखी कर रहे हैं। कांग्रेस में हर आए दिन नेताओं के इस्तीफे से साफ जाहिर हो रहा है कि पार्टी में असंतोष बढ़ रहा है।”
कांग्रेस के कद्दावर नेता और प्रवक्ता रहे शहजाद पूनावाला भी साल 2017 में कांग्रेस को छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए। पार्टी के पक्षों को मजबूत तरीके से सबके सामने रखने वाले पूनावाला ने पार्टी छोड़ते हुए आरोपों की झड़ी लगा दी थी। कभी कांग्रेस के लिए लड़ जाने वाले पूनावाला आज बीजेपी की आवाज बन चुके हैं। साल 2021 में उन्हें दिल्ली बीजेपी सोशल मीडिया विंग का प्रभारी भी बना दिया गया।
लिस्ट सिर्फ इतनी ही नहीं है रीता बहुगुणा जोशी और प्रियंका चतुर्वेदी जैसी कद्दावर महिला प्रवक्ता भी कांग्रेस का साथ छोड़ चुकी हैं। कांग्रेस के खेमें को छोड़ दूसरी पार्टियों की तरफ रुख कर रहे नेताओं ने पार्टी छोड़ते वक्त कांग्रेस पर आरोपों की झड़ी लगाई थी। एक बार फिर लोकसभा चुनाव आते ही नेताओं ने दल बदलना शुरू कर दिया है।
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