Top Political Families of India: आपने अक्सर यह बात तो सुनी ही होगी कि डॉक्टर का बेटा डॉक्टर और इंजीनियर का बेटा इंजीनियर ही बनता है। अब भारतीय राजनीति में भी वंशवाद अपने पैर पसार रहा है। इसलिए राजनेता का बेटा भी राजनेता ही बनने लगा है। भारत में अक्सर वंशवाद को लेकर कठोर निंदा की जाती है और कुछ चुनिंदा परिवार को ही इसका निशाना बनाया जाता है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। यहां सभी नागरिकों को वोट देने का अधिकार है और अपने राजनेता को चुनने का अधिकार है। भारतीय राजनीति में कुछ परिवार ऐसे हैं जो अपना अच्छा खासा दबदबा रखते हैं। आज हम जानेंगे ऐसे ही परिवारों के बारे में…
भारतीय राजनीति में गांधी परिवार का काफी नाम है। यह परिवार हमेशा से ही भारतीय राजनीति का केंद्र रहा है। पंडित जवारहर लाल नेहरु भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। बाद में उनकी बेटी इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री मंत्री बनी और उसके बाद राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने। राजीव गांधी के बाद भी उनकी पत्नी सोनिया गांधी, बेटे राहुल गांधी और बेटी प्रियंका गांधी अभी भी राजनीति में सक्रिय है।
अब्दुल्ला परिवार जम्मू-कश्मीर का जाना-माना परिवार है। यह परिवार भी राजनीति में सक्रिय रहा है। इस परिवार का राजनीति सफर शेख अब्दुल्ला से शुरु हुआ। शेख अब्दुल्ला जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे हैं। उनके बाद उनकी राजनीतिक विरासत फारूक अब्दुल्ला ने संभाली। फारूक अब्दुल्ला भी जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इनके फारूक अब्दुल्ला के बेटे उमर अब्दुल्ला जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री बने। यह परिवार आज भी राजनीति में है।
बिहार की राजनीति में यादव परिवार की अहम् भूमिका रही है। लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी बिहार की मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वहीं अब लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव भी बिहार की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में यादव परिवार भी राजनीति में सक्रिय रहा हैं। मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उनके बाद मुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलेश यादव भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वहीं मुलायम सिंह यादव के भाई शिवपाल यादव और राम गोपाल यादव भी उत्तर प्रदेश की राजनीति में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के मुखिया और पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके एम. करुणानिधि का परिवार भी राजनीति में काफी सक्रिय रहा है। एम. करुणानिधि के बेटे एम. के. मुथ, एम. के. स्टालिन और एम. के. अलगिर के अलावा उनकी बेटी कनिमोझी भी मंत्री रह चुकी हैं।