Vaishakh Amavasya 2024 Date: कब है बैसाख अमावस्या? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

28 Apr, 2024
Vaishakh Amavasya 2024 Date: कब है बैसाख अमावस्या? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

Vaishakh Amavasya 2024 Date: वैशाख अमावस्या भगवान विष्णु और पितरों को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस दिन गंगा नदी या किसी पवित्र नदी में स्नान करके पितृ तर्पण पिंड दान, हवन और ब्राह्मणों को भोजन कराना बहुत शुभ होता है। ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। वैशाख माह में आने वाली अमावस्या बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन चंद्रमा अपने अस्त काल में होता है। यह चंद्रमा को समर्पित होता है। 

वैशाख अमावस्या 2024 तिथि

  • वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को वैशाख अमावस्या मनाई जाती है। 
  • अमावस्या तिथि की शुरुआत- 07 मई सुबह 11 बजकर 40 मिनट से होगी
  • अमावस्या तिथि का समापन- 08 मई सुबह 08 बजकर 51 मिनट पर होगा। 
  • वैशाख अमावस्या 08 मई को मनाई जाएगी।
  • वैशाख अमावस्या 2024 शुभ मुहूर्त
  • वैशाख अमावस्या 08 मई को मनाई जाएगी।
  • स्नान-दान मुहूर्त- सुबह 04 बजकर 10 मिनट से सुबह 05 बजकर 35 मिनट 
  • अमृत काल मुहूर्त- सुबह 09 बजकर 09 मिनट से सुबह 10 बजकर 37 मिनट तक
  • शनि पूजा का समय-  शाम 05 बजकर 20 मिनट से रात 07 बजकर 01 मिनट तक 
  • वैशाख अमावस्या पर 3 शुभ योगों का निर्माण हो रहा है।
  • सर्वार्थ सिद्धि योग, सौभाग्य योग और शोभन योग।

वैशाख अमावस्या पूजा विधि

  • वैशाख अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें। 
  • इस दिन पवित्र नदी में स्नान करना शुभ माना जाता है। 
  • यदि ऐसा संभव नहीं है तो घर में नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
  • इसके बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें। 
  • इसके बाद पूजा का संकल्प लें। 
  • इसके बाद दीपक जलाकर आरती करें। 
  • केला, खीर आदि चीजों का भोग लगाएं।
  • प्रसाद का लोगों में वितरण करें और खुद भी ग्रहण करें।
  • इस दौरान आप भगवान से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें।
  • आप अपने भूल के लिए भगवान से माफी मांग लें। 
  • इस दिन पूर्वजों का पिंडदान करने का विधान है।

वैशाख अमावस्या का महत्व

हिंदू धर्म में वैशाख अमावस्या बहुत अहम मानी जाती है। यह भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन तर्पण और पिंड दान किया जाता है। इस दिन गंगा नदी में स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है। पितरों को पिंड दान करने से पितर प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं। ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।

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