Vaishakh Amavasya 2025 Date: अमावस्या का खास महत्व होता है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान किया जाता है और दान करना बेहद शुभ माना जाता है। अमावस्या तिथि पर पितरों का पिंडदान, श्राद्ध और तर्पण भी किया जाता है। इस दिन पूजा पाठ करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। इस दिन पिंडदान, श्राद्ध और तर्पण करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं। कहा जाता है इस दिन पूजा-पाठ से पितृदोष से मुक्ति भी मिलती है। वैशाख मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को वैशाख अमावस्या कहा जाता है। आइए जानते हैं वैशाख अमावस्या की तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व।
वैशाख अमावस्या की तिथि
- वैशाख मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को वैशाख अमावस्या कहा जाता है।
- अमावस्या तिथि की शुरुआत- 27 अप्रैल सुबह 4 बजकर 49 मिनट पर होगी।
- अमावस्या तिथि का समापन- 28 अप्रैल रात 1 बजकर 1 मिनट पर होगा।
- वैशाख अमावस्या 27 अप्रैल 2025 को मनाई जाएगी।
वैशाख अमावस्या का शुभ मुहूर्त
- ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 4 बजकर 10 मिनट से सुबह 4 बजकर 52 मिनट तक रहेगा।
- अमावस्या के दिन स्नान और दान के लिए ब्रह्म मुहूर्त सबसे उत्तम माना जाता है।
- अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से दोपहर 1 बजकर 02 मिनट तक रहेगा।
- श्राद्ध या पिंडदान का मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 30 मिनट से दोपहर 02 बजकर 30 मिनट तक।
वैशाख अमावस्या का महत्व
वैशाख अमावस्या का बहुत महत्व है। इस दिन स्नान-दान करना बहुत शुभ माना जाता है। वैशाख अमावस्या पर पितरों को तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध करने से पितृदोष से मुक्ति मिलने के साथ पितरों का आशीर्वाद मिलता है। इस दिन व्रत रखा जाता है और दान भी किया जाता है। इस दिन सुबह स्नान करने के पश्चात् सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए और पीपल के वृक्ष की पूजा करनी चाहिए।
डिस्क्लेमर- इस लेख में दी गई जानकारी इंटरनेट, लोक मान्यताओं और अन्य माध्यमों से ली गई है। जागरण टीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है।