Vat Savitri Purnima 2025 : हर साल ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा तिथि को वट सावित्री पूर्णिमा व्रत रखा जाता है। वट सावित्री पूर्णिमा व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास होता है। महिलाएं यह व्रत अपने पति की लंबी आयु और घर की सुख-शांति के लिए व्रत रखती हैं। इस साल यह व्रत 10 जून को रखा जाएगा। यह व्रत रखने और विधि-विधान से पूजा करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य का वरदान प्राप्त होता है। इस व्रत रखने के कुछ खास नियम होते हैं यदि इस व्रत को पहली बार रख रही है तो इन नियमों का पालन करें।
वट सावित्री पूर्णिमा व्रत क्या करें?
- इस दिन सुबह जल्दी उठें।
- स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
- इन दिन नए वस्त्र धारण करें।
- इसके बाद श्रृंगार करें।
- सावित्री और सत्यवान की कथा सुनें।
- इस दिन बरगद की पूजा करें।
- सावित्री-सत्यवान के प्रतीक रूप में मूर्ति या चित्र बनाकर पूजा करें।
- व्रत का पारण अगले दिन करें।
वट सावित्री पूर्णिमा व्रत क्या न करें?
- इस दिन मन को शांत रखें।
- इस दिन झूठ नहीं बोलना चाहिए।
- न ही किसी का अपमान करें।
- इस दिन पति या किसी और से झगड़ा न करें।
- इस दिन अपवित्र वस्त्र न पहने।
- व्रत के दौरान नहीं सोने से बचना चाहिए।
- इस दिन नीले, काले या सफेद रंग के वस्त्र पहनने से बचें।
वट सावित्री पूर्णिमा पूजा विधि
- इस दिन सुबह जल्दी उठें स्नान करें।
- इस दिन लाल वस्त्र धारण करना बहुत अच्छा माना जाता है।
- इस दिन सुहागिन महिलाओं को सोलह श्रृंगार करें।
- व्रत का संकल्प लें।
- वट वृक्ष की विधिपूर्वक पूजा करें।
- वट वृक्ष की सफाई करें।
- वट वृक्ष को जल चढ़ाएं।
- इस दिन सावित्री और सत्यवान पूजा की जाती है।
- सावित्री और सत्यवान की कथा सुनें।
- वट वृक्ष को लाल धागे से बांधें और 7 बार परिक्रमा करें।
- इस दिन दान करना बेहद शुभ माना जाता है।
- गरीबों को धन, अन्न और वस्त्र का दान दे।
डिस्क्लेमर- इस लेख में दी गई जानकारी इंटरनेट, लोक मान्यताओं और अन्य माध्यमों से ली गई है। जागरण टीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है।