Samvidhan Hatya Diwas: राजनीति में आपकी एक चूक आपको धराशाई करने के लिए काफी होती है। इसके साथ ही भविष्य में भी उसका नुकसान उठाना पड़ता है और वो जिंदगीभर बोझ के जैसे साथ रहती है। इसी तरह का एक बोझ ढो रही है कांग्रेस पार्टी, ‘आपातकाल का बोझ’। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने साल 1975, 25 जून को आपतकाल की घोषणा की थी। सत्ता खो देने के डर ने इंदिरा गांधी को इस कदर मजबूर किया कि उन्हें देश में आपातकाल घोषित करना ही ठीक समझा। देश में इमरजेंसी की घोषणा से हाहाकार मच गया। स्वतंत्र भारत के आजाद लोग होकर भी कोई अपनी मर्जी से कुछ कर नहीं सकता था। हर चीज का कंट्रोल इंदिरा गांधी के पास था। इमरजेंसी के 21 महीनों में विपक्ष के सभी नेता या तो जेल में थे या अंडरग्राउंड हो गए थे। मौजूदा भारत सरकार ने इस दिन को 'संविधान हत्या दिवस' के रूप में मनाने का फासला किया है। गृह मंत्री अमित शाह के अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए इसकी जानकारी दी है।
भारत सरकार की तरफ से एलान किया जा चुका है कि अब से हर साल 25 जून का दिन 'संविधान हत्या दिवस' के रूप में मनाया जाएगा। अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर जानकारी साझा करते हुए अमित शाह ने लिखा “25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने अपनी तानाशाही मानसिकता को दर्शाते हुए देश में आपातकाल लगाकर भारतीय लोकतंत्र की आत्मा का गला घोंट दिया था। लाखों लोगों को अकारण जेल में डाल दिया गया और मीडिया की आवाज को दबा दिया गया। भारत सरकार ने हर साल 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय किया है। यह दिन उन सभी लोगों के विराट योगदान का स्मरण करायेगा, जिन्होंने 1975 के आपातकाल के अमानवीय दर्द को झेला था।” आपको बता दें गृहमंत्री की तरफ से इसका राजपत्र भी जारी किया है।
25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने अपनी तानाशाही मानसिकता को दर्शाते हुए देश में आपातकाल लगाकर भारतीय लोकतंत्र की आत्मा का गला घोंट दिया था। लाखों लोगों को अकारण जेल में डाल दिया गया और मीडिया की आवाज को दबा दिया गया। भारत सरकार ने हर साल 25 जून को 'संविधान… pic.twitter.com/KQ9wpIfUTg
अमित शाह के इस पोस्ट पर पीएम मोदी की प्रतिक्रिया सामने आई है उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर लिखा “25 जून को #SamvidhaanHatyaDiwas देशवासियों को याद दिलाएगा कि संविधान के कुचले जाने के बाद देश को कैसे-कैसे हालात से गुजरना पड़ा था। यह दिन उन सभी लोगों को नमन करने का भी है, जिन्होंने आपातकाल की घोर पीड़ा झेली। देश कांग्रेस के इस दमनकारी कदम को भारतीय इतिहास के काले अध्याय के रूप में हमेशा याद रखेगा।”
25 जून को #SamvidhaanHatyaDiwas देशवासियों को याद दिलाएगा कि संविधान के कुचले जाने के बाद देश को कैसे-कैसे हालात से गुजरना पड़ा था। यह दिन उन सभी लोगों को नमन करने का भी है, जिन्होंने आपातकाल की घोर पीड़ा झेली। देश कांग्रेस के इस दमनकारी कदम को भारतीय इतिहास के काले अध्याय के रूप… https://t.co/mzQFdQOxZW
केंद्र सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस की तरफ से महासचिव जयराम रमेश सामने आए। प्रधानमंत्री और सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने एक्स पर लिखा, "नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री एक बार फिर हिपोक्रेसी से भरा एक हेडलाइन बनाने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन भारत के लोगों से 4 जून, 2024 - जिसे इतिहास में मोदी मुक्ति दिवस के नाम से जाना जाएगा - को मिली निर्णायक व्यक्तिगत, राजनीतिक और नैतिक हार से पहले उन्होंने दस सालों तक अघोषित आपातकाल लगा रखा था।"
"यह वही नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने भारत के संविधान और उसके सिद्धांतों, मूल्यों एवं संस्थानों पर सुनियोजित ढंग से हमला किया है. यह वही नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री हैं जिनके वैचारिक परिवार ने नवंबर 1949 में भारत के संविधान को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि यह मनुस्मृति से प्रेरित नहीं था।"
"यह वही नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री हैं जिनके लिए डेमोक्रेसी का मतलब केवल डेमो-कुर्सी है।"
नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री एक बार फ़िर हिपोक्रेसी से भरा एक हेडलाइन बनाने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन भारत के लोगों से 4 जून, 2024 — जिसे इतिहास में मोदी मुक्ति दिवस के नाम से जाना जाएगा — को मिली निर्णायक व्यक्तिगत, राजनीतिक और नैतिक हार से पहले उन्होंने दस सालों तक अघोषित…
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