World NGO Day 2025: विश्व एनजीओ दिवस हर साल 27 फरवरी को मनाया जाता है। यह दिन गैर-सरकारी संगठनों के योगदान को पहचानने और उनके महत्वपूर्ण कार्यों को सराहने के लिए समर्पित है। एनजीओ समाज में विभिन्न सामाजिक, आर्थिक, और पर्यावरणीय मुद्दों को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह दिवस दुनिया भर के एनजीओ और उनके सहयोगियों को प्रेरित करने और उनके प्रयासों को समर्थन देने के लिए मनाया जाता है। विश्व एनजीओ दिवस समाज के लिए किए जा रहे निःस्वार्थ कार्यों को पहचानने और उन्हें आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है। आइए जानते हैं इस दिन का इतिहास, थीम और महत्व।
विश्व एनजीओ दिवस इतिहास
विश्व एनजीओ दिवस मनाने की शुरुआत 2009 में की गई थी। लेकिन इस दिन को आधिकारिक तौर पर वर्ष 2010 में मान्यता दी गई थी और वर्ष 2014 में पहली बार संयुक्त राष्ट्र द्वारा ‘विश्व एनजीओ दिवस’ मनाया गया था। इस दिवस की स्थापना मार्कस वर्लीग्स ने की थी और इसे पहली बार हेलसिंकी, फिनलैंड में मनाया गया था। इस दिवस को पूरी दुनिया भर में एनजीओ के कार्यों को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है। यह दिन एनजीओ के लिए बहुत अच्छा दिन है।
विश्व एनजीओ दिवस का महत्व
विश्व एनजीओ दिवस एनजीओ के योगदान को पहचानना को पहचान देने का अच्छा माध्यम है। यह दिन गैर-सरकारी संगठनों द्वारा समाज में किए गए सराहनीय कार्यों को मान्यता देने और उनके प्रयासों की सराहना करने का अवसर प्रदान करता है। एनजीओ शिक्षा, स्वास्थ्य, गरीबी उन्मूलन, मानवाधिकार, पर्यावरण संरक्षण, महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह सहयोग और भागीदारी को बढ़ावा देते हैं। यह दिवस विभिन्न संगठनों, सरकारी एजेंसियों और नागरिकों के बीच सहयोग को बढ़ाने में मदद करता है। एनजीओ विकासशील समाज का निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं। यह एनजीओ गरीब और वंचित वर्गों को सहायता प्रदान कर समाज के विकास में योगदान देते हैं। यह दिन लोगों को समाज सेवा और गैर-लाभकारी कार्यों में भाग लेने के लिए प्रेरित करता है।
विश्व एनजीओ दिवस 2025 की थीम
हर साल विश्व एनजीओ दिवस के लिए एक नई थीम निर्धारित की जाती है, जो सामाजिक कार्यों और गैर-सरकारी संगठनों की भूमिका को उजागर करती है। विश्व एनजीओ दिवस 2025 का विषय ‘एक सतत भविष्य के लिए जमीनी स्तर के आंदोलनों को सशक्त बनाना’ है। यह विषय सतत विकास, सामाजिक कल्याण और वैश्विक सहयोग पर केंद्रित है। यह दिवस हमें एनजीओ के प्रयासों का समर्थन करने, स्वयंसेवा के प्रति जागरूक होने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित करता है।