World Saree Day 2024: वर्ल्ड साड़ी दिवस हर साल 21 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिन भारतीय परंपरा और संस्कृति के एक महत्वपूर्ण प्रतीक साड़ी और उसकी सुंदरता को विश्व स्तर पर प्रचारित करने के लिए मनाया जाता है। यह दिवस वैश्विक स्तर पर को पहचान दिलाने के लिए मनाया जाता है। इसके अलावा यह दिवस महिलाओं को अपनी परंपराओं पर गर्व करने का मौका प्रदान करता है। साड़ी भारतीय परंपरा का अभिन्न अंग हैं। आज दुनिया के अलग-अलग देशों में भी साड़ी को अपनाया जानें लगा है। आइए जानते हैं इस दिन का इतिहास और महत्व
वर्ल्ड साड़ी दिवस की शुरुआत 2020 में की गई थी। साड़ी भारतीय महिलाओं द्वारा पहना जाने वाला पांरपरिक परिधान है। साड़ी सदियों से भारतीय परंपरा का हिस्सा रही है। यह अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरह से पहनी जाती है। लेकिन अब साड़ी केवल भारत तक सीमित नहीं रही। इसे दुनिया के कई देशों में पहना जाता है। साड़ी भारतीय संस्कृति का एक अटूट हिस्सा है और सदियों से महिलाओं की पहचान और गर्व का प्रतीक रही है। पश्चिमी परिधानों के बढ़ते प्रभाव के कारण साड़ी पहनने की परंपरा कम होती जा रही थी। इसे पुनर्जीवित करने और इसे एक वैश्विक पहचान दिलाने के लिए यह दिवस मनाने की परंपरा शुरू की गई है। वर्ल्ड साड़ी दिवस का उद्देश्य साड़ी पहनने की परंपरा को प्रोत्साहित करना है।
साड़ी केवल एक परिधान नहीं है। यह भारत की विविधता, सांस्कृतिक धरोहर और शिल्पकारों की कलात्मकता को दर्शाती है। वर्ल्ड साड़ी दिवस के माध्यम से साड़ी को पहनने की प्राचीन परंपरा को आधुनिक जीवन में फिर से अपनाने के लिए प्रेरित किया जाता है। वर्ल्ड साड़ी दिवस हमें भारतीय परंपरा और संस्कृति के इस अमूल्य खजाने की याद दिलाता है। यह दिवस न केवल साड़ी पहनने की कला को जीवित रखता है बल्कि इसे आधुनिक पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक और विश्व मंच पर इसको पहचान दिलाता है।
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