World Wildlife Day 2025: विश्व वन्यजीव दिवस हर साल 3 मार्च को मनाया जाता है। यह दिन वन्यजीवों और जैव विविधता के संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित है। इस दिवस का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संतुलन बनाए रखने, वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उनके संरक्षण की दिशा में वैश्विक प्रयासों को बढ़ावा देना है। विश्व वन्यजीव दिवस हमें इस बात की याद दिलाता है कि वन्यजीव केवल प्रकृति का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि हमारे जीवन के लिए भी अनमोल हैं। आइए जानते हैं इस दिन की इतिहास, थीम और महत्व
विश्व वन्यजीव दिवस का इतिहास
विश्व वन्यजीव दिवस मनाने की घोषणा 20 दिसंबर 2013 को, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने की। यह दिन दुनिया के जंगली जीवों और वनस्पतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है। इसका उद्देश्य संकटग्रस्त प्रजातियों के अवैध व्यापार को रोकना और उनके संरक्षण को सुनिश्चित करना था। पहली बार 2014 में विश्व वन्यजीव दिवस मनाया गया था।
विश्व वन्यजीव दिवस 2025 की थीम
हर साल संयुक्त राष्ट्र इस दिन के लिए एक विशेष थीम तय करता है। 2025 की थीम "वन्यजीव संरक्षण वित्त: लोगों और ग्रह में निवेश" (Wildlife Conservation Finance: Investing in People and Planet) है। यह थीम वन्यजीवों के संरक्षण, जैव विविधता और पर्यावरण से जुड़ी होती है। यदि हम वन्यजीवों की सुरक्षा और संरक्षण के प्रति लापरवाह रहेंगे, तो इससे पूरी पारिस्थितिकी प्रणाली पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। हमें वन्यजीवों की रक्षा करने और उनके प्रति जागरूकता फैलाने की जिम्मेदारी उठानी चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ियां भी इस अद्भुत जैव विविधता का आनंद ले सकें।
विश्व वन्यजीव दिवस महत्व और उद्देश्य
वन्यजीव हमारे पर्यावरण संतुलन के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। विश्व वन्यजीव दिवस हमें वन्य जीवों की घटती प्रजातियों और उनके संरक्षण की आवश्यकता के बारे में जागरूक करता है। साथ ही यह जैव विविधता की सुरक्षा और वन्यजीव संरक्षण को लेकर लोगों को जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वन्य जीव और प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र हमारे जीवन के लिए जरूरी हैं। उनका संतुलन बनाए रखना पर्यावरण के लिए आवश्यक है। वन्यजीव प्रकृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और उनका अस्तित्व पृथ्वी के पारिस्थितिक तंत्र को संतुलित रखता है। यह दिवस लोगों को सिखाता है कि हमें वन्यजीवों के साथ सह-अस्तित्व में रहना चाहिए और उनके आवासों को सुरक्षित रखना चाहिए। मानव और वन्यजीव के बीच सामंजस्य बैठता है। यह पृथ्वी केवल मानव की नहीं है यह के जीव जंतु भी इस पृथ्वी का हिस्सा है।