Boycott Maldives: आज हम लोग भारत और मालदीव के बीच हो रहे घमासान को देख रहे हैं, लेकिन हमेशा से ऐसा नहीं था। भारत ने मालदीव के लिए वो सब कुछ किया है जो एक पड़ोसी देश को मदद के तौर पर करना चाहिए। मालदीव के नए राष्ट्रपति के तौर पर मोहम्मद मुइज्जू ने भारत के साथ रिश्तों पर कैंची चला दी। चीन के साथ नजदीकियां बढ़ाते हुए मुइज्जू हर एक कदम पर भारत से दूर होते दिखाई दे रहे हैं। लेकिन भारत और मालदीव दोनों ही देश एक दूसरे के लिए बेहद जरूरी हैं।
एक अच्छे पड़ोसी देश के तौर पर भारत ने मालदीव की हर संभव मदद करने का प्रयास किया है। मालदीव के टूरिज्म को आज हम इतने बड़े स्तर पर देख रहे हैं इसको भी खड़ा करने में भारत का बहुत ही बड़ा योगदान है। आपको बता दें साल 1982 तक मालदीव के पास अपना खुद का रिजर्व बैंक तक नहीं था तब भारत के बैंक एसबीआई ने ही ये भूमिका निभाई थी। 2008 में मालदीव को आर्थिक मंदी से उभारने के लिए भी 100 मिलियन डॉलर का लोन दिया था। इन सभी बातों को भुलाते हुए आज मालदीव भारत को पीठ दिखाकर चीन का साथ तलाश रहा है।