Eid al-Adha 2025 Date : ईद उल-अजहा इस्लाम धर्म को मानने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार होता है। यह पूरी दुनिया में मनाया जाता है। इस त्योहार को बकरीद के नाम से भी जाना जाता है। बकरीद ईद-उल-फितर के करीब 70 दिनों बाद आती है। यह जुल हिज्जा महीने की दसवीं तारीख को मनाई जाती है। यह हिजरी कैलेंडर का आखिरी महीना होता है। इस महीने में पवित्र हज यात्रा की जाती है।
बकरीद की तारीख
इस्लामिक कैलेंडर यानी हिजरी कैलेंडर जुल हिज्जा हीने की दसवीं तारीख को मनाई जाती है। यह हिजरी कैलेंडर का 12वां और आखिरी महीना होता है। यह कैलेंडर चांद पर आधारित होता है। इस साल बकरीद 6 या 7 जून को मनाई जाएगी। बकरीद की सही तारीख की घोषणा चांद देखने के बाद ही होगी। यह महीना हज यात्रा के लिए भी प्रसिद्ध है। हज यात्रा के अंतिम दिन ई का त्योहार मनाया जाता है। यह दिन मुसलमान हज़रत इब्राहीम की उस निष्ठा और बलिदान के प्रतीक के रुप में मनाया जाता है। बकरीद पर कुर्बानी के हिस्से को तीन भागों में बांटा जाता है। पहला हिस्सा गरीब और जरूरतमंदों को दिया है। दूसरा हिस्सा लोग अपने दोस्तों और रिश्तेदारों में बांटते हैं। तीसरा हिस्सा अपने घर-परिवार के लिए रखते हैं।
ईद उल-अजहा का महत्व
ईद उल-अजहा का पर्व जुल हिज्जा में मनाया जाता है। इसी महीने में मुसलमान पवित्र हज यात्रा करते हैं इस पवित्र यात्रा के आखिरी दिन ईद का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन कुर्बानी दी जाती है। इस दिन बकरा या फिर किसी हलाल पशु की कुर्बानी दी जाती है। कुर्बानी के जरिए अल्लाह के प्रति अपनी भक्ति, समर्पण और आज्ञापालन की भावना प्रकट की जाती है। इस दिन लोग सुबह-सुबह नमाज पढ़ी जाती है लोग एक-दूसरे के गले मिलकर ईद की मुबारकबाद देते हैं और सारे गिले-शिकवे मिटाते हैं।
डिस्क्लेमर- इस लेख में दी गई जानकारी इंटरनेट, लोक मान्यताओं और अन्य माध्यमों से ली गई है। जागरण टीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है।